राहुल गांधी के जन्मदिन पर यूथ कांग्रेस ने लगाया रोजगार मेला, 161 कंपनियों में 3500 युवाओं की मिली नौकरी

आज कांग्रेस पार्टी ने वो किया जो सरकार को करना चाहिए था। हज़ारों युवाओं को रोज़गार का मंच दिया। केंद्र सरकार को इससे सीख लेनी चाहिए: सचिन पायलट

Updated: Jun 20, 2025, 05:02 PM IST

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर भारतीय युवा कांग्रेस ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘महारोजगार मेला’ का आयोजन किया था। खास बात ये है कि इस रोजगार मेला में 161 कंपनियां शामिल हुईं और 3500 युवाओं को इंटरव्यू के उपरांत मौके पर ही नियुक्ति पत्र मिली।

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस रोजगार मेले के लिए 20,000 से अधिक युवाओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। इस दौरान लगभग 7500 युवाओं के मौके पर इंटरव्यू हुए और इनमें से 3500 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी मिल गया।

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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हमेशा बेरोजगारी के मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाया है। यह मेला उनके विजन का हिस्सा है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके भविष्य को उज्ज्वल करने पर केंद्रित है।

दिल्ली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने बताया कि यह दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा जॉब फेयर था, जिसमें 12वीं पास युवाओं ने भी हिस्सा किया।उन्होंने बताया कि हमने दिल्ली के हॉस्टलों, वार्डों और विभिन्न इलाकों में जाकर युवाओं तक इस मेले की जानकारी पहुंचाई थी। इस दौरान वहां मेले में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर और जातीय जनगणना पर सेमिनार जैसे सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। 

इस रोजगार मेले में जेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक सहित 161 कंपनियों ने हिस्सा लिया। बताया जा रहा है कि दिल्ली के बाद ऐसे रोजगार मेले देशभर में आयोजित करने की तैयारी चल रही है, ताकि आने वाले चुनावों में युवाओं से जुड़ने का माध्यम बन सके।

रोजगार मेले को लेकर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी ने वो किया जो सरकार को करना चाहिए था... हज़ारों युवाओं को रोज़गार का मंच दिया। ये रोजगार मेला सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं, राहुल गांधी जी को हमारी तरफ़ से सबसे सार्थक उपहार है। केंद्र सरकार को इससे सीख लेनी चाहिए... देश की राजनीति सेवा के लिए होनी चाहिए, सिर्फ़ सत्ता के लिए नहीं।