जबलपुर में आबकारी अफसर पर कर्मचारियों से मारपीट और जबरन वसूली के आरोप, जांच कमेटी गठित
जबलपुर में आबकारी अफसर पर शराब दुकान कर्मचारियों से मारपीट और रिश्वत मांगने के आरोप लगे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद विभाग ने पीड़ित को ही तस्कर बताकर एफआईआर दर्ज की। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है।

जबलपुर| जिले के बरेला स्थित शराब दुकान में कार्यरत कर्मचारी उपेंद्र मिश्रा के साथ हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना में सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे पर गंभीर आरोप लगे हैं। वीडियो में उपेंद्र ने दावा किया है कि संजीव दुबे ने उनसे रिश्वत की मांग की, और जब उसने मालिक से बात कराने में असमर्थता जताई तो उसे जूते से मारा और सीने पर पैर रखकर धमकाया। उपेंद्र के अनुसार, दुबे ने अपने गनमैन से भी पिटवाया। इस घटना के करीब 20 घंटे बाद उल्टा उपेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे शराब तस्कर बताया गया और उसके पास से कथित तौर पर 5 लाख रुपए की शराब और तीन लग्जरी कारें जब्त करने का दावा किया गया।
वहीं, धनपुरी शराब दुकान के एक अन्य कर्मचारी अमर गुप्ता ने भी वीडियो जारी कर संजीव दुबे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। अमर ने कहा कि बिना पूछताछ के ही उसे गालियां दी गईं और मारा गया। दोनों कर्मचारियों का कहना है कि अफसर लगातार मालिक से फोन पर बात कराने का दबाव बनाते रहे और फोन न लगने पर मारपीट व धमकियों पर उतर आए।
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मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग ने मामले की जांच के लिए भोपाल से तीन सदस्यीय टीम जबलपुर भेजी है, जो संबंधित पक्षों के बयान लेकर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। उधर, विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट में उपेंद्र को तस्कर बताया गया है, जिसे पीड़ित ने झूठा और बदनाम करने की साजिश बताया है।
गौरतलब है कि संजीव दुबे का नाम पहले भी विवादों में रहा है। इंदौर में आबकारी घोटाले के एक बड़े मामले में उन्हें निलंबित किया जा चुका है। तब करीब 40 करोड़ के राजस्व घोटाले में सात अन्य अधिकारियों के साथ उन पर भी कार्रवाई हुई थी। अब एक बार फिर उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बीच आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने मामले से खुद को अलग बताते हुए कहा कि इसकी जांच पुलिस स्तर पर की जा रही है।