छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की दंडवत गुहार, सड़क पर लेटकर B.Ed शिक्षकों ने जताया विरोध
प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया: प्रियंका गांधी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सस्पेंड सहायक शिक्षकों की ने अनोखा प्रदर्शन किया। रायपुर के माना चौक से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली। सड़कों पर लेटकर विरोध जताया। ये शिक्षक 14 दिसंबर से अंबिकापुर से अनुनय यात्रा पर थे। वहीं, 19 दिसंबर से नवा रायपुर के तूता में धरना दे रहे हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2897 सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। ये शिक्षक 2018 के एनसीटीई नियमों के तहत भर्ती हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद उनकी योग्यता पर सवाल उठे हैं। नौकरी बचाने के लिए शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। वे सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं।
इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य की भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया।'
उन्होंने लिखा कि ये लड़कियां नौकरी की गुहार लगाते हुए कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेटकर विरोध जता रही हैं। आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत हर राज्य के युवा भाजपा के भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 27वां दिन अर्धनग्न होकर विरोध जता रहे हैं।'
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा कि युवा साथियों कांग्रेस पार्टी आपके साथ है। डरना नहीं, झुकना नहीं। सोमवार को प्रदर्शनकारियों प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक असमंजस और अनिश्चितता के से गुजर रहे हैं। साल 2023 में लोक शिक्षण संचालनालय के विज्ञापन के तहत सहायक शिक्षक के पद पर हमारा चयन हुआ, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद 30 दिसंबर 2024 से समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे लगभग 2,897 सहायक शिक्षकों और उनके परिवारों के भविष्य पर गंभीर संकट आ गया है।