अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 57 पैसे गिरकर 86.61 पर बंद
रुपए में इस गिरावट की वजह हाल ही में भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशकों के जरिए की जा रही बिकवाली है। इसके अलावा जिओ पॉलिटिकल टेंशन्स कारण भी रुपए पर नेगेटिव असर पड़ा है।

नई दिल्ली। देश को आर्थिक मोर्चे पर एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है जिसका सीधा असर Forex यानि विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। इसका असर वार्षिक GDP ग्रोथ पर भी पड़ा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP का अनुमान महज 6.4 फीसदी रखा है। इसी बीच सोमवार को एक बार फिर रुपया गिरकर सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया।
सोमवार को रुपए में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 57 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 86.61 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ है। इससे पहले 10 जनवरी को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.04 पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपए में इस गिरावट की वजह हाल ही में भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशकों के जरिए की जा रही बिकवाली है। इसके अलावा जिओ पॉलिटिकल टेंशन्स कारण भी रुपए पर नेगेटिव असर पड़ा है।
रुपए में जारी गिरावट को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि जब मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था तब वह 64 वर्ष के होने वाले थे और डॉलर के मुक़ाबले रुपया 58.58 पर था। उस समय वह रुपए को मज़बूत करने को लेकर बहुत कुछ बोला करते थे - उन्होंने इसके मूल्य में गिरावट को पूर्व PM की उम्र से भी जोड़ दिया था।
जयराम रमेश ने आगे कहा, 'अब देखिए, मोदी जी इस वर्ष के अंत तक 75 के होने की तैयारी ही कर रहे हैं और रुपया पहले ही डॉलर के मुक़ाबले 86 पार चुका है। जैसे-जैसे रुपया गिरता जा रहा है, मोदी जी अपने ही खोदे गड्ढे में फंसते जा रहे हैं।'
आज यानी 13 जनवरी को शेयर बाजार में लगातार चौथे कारोबारी दिन गिरावट रही। सेंसेक्स 1048 अंक (1.36%) की गिरावट के साथ 76,330 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 345 अंक (1.47%) की गिरावट रही, ये 23,085 के स्तर पर बंद हुआ। BSE स्मॉलकैप 2,126 अंक (4.03%) की गिरावट के साथ 50,596 के स्तर पर बंद हुआ।