महीनेभर में 200 से 2 रुपये के भाव तक गिरा टमाटर, फेंकने को मजबूर हुए महाराष्ट्र के किसान

महाराष्ट्र में टमाटर किसानों की बढ़ी मुश्किलें, 5 रुपए किलो के हिसाब से भी नहीं मिल रहा खरीददार, और नुक़सान से बचने के लिए किसानों ने टमाटर खेत में ही सड़ने को छोड़ दिया है..

Updated: Sep 27, 2023, 09:49 AM IST

पुणे। जुलाई-अगस्त में जहां टमाटर के भाव पूरे देश में आसमान छू रहे थे। वहीं सितंबर के शुरु होते ही भाव गिरना शुरु हो गए। सितंबर के अंत तक स्थिति यह हो गई है कि 200 रुपए किलो बिकनेवाले टमाटर का दाम दो रूपए किलो पहुंच गया है। हालात से दुखी महाराष्ट्र में किसान टमाटर औने-पौने दाम पर बेचने या टमाटर को फेंकने पर मजबूर हो गए हैं।

दरअसल, इस बार टमाटर की बंपर उत्पादन हुई है। मंडियों में आवक बढ़ जाने के कारण इसके दाम में भारी गिरावट आई है। कीमतें कम होने से किसान काफी परेशान हैं। पुणे के बाजार में टमाटर की कीमत 2 रुपए 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। नासिक के पिंपलगांव, नासिक और लासलगांव की तीन थोक मंडियों में टमाटर की औसत थोक कीमतें पिछले छह हफ्तों में 2,000 रुपए प्रति क्रेट (20 किलोग्राम) से गिरकर 90 रुपए हो गई हैं। कोल्हापुर में, टमाटर खुदरा बाजारों में 2-3 रुपए प्रति किलो पर बेचा जा रहा है, जो लगभग एक महीने पहले 220 रुपए के आसपास था।

किसानों ने बताया कि फसल आरआर और काटने तक एक लाख रुपए तक खर्च किए, लेकिन अभी बाजार भाव गिरने के वजह से उन्हें उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है, जिसके वजह किसान अपनी फसलों को खेत में ही छोड़ने और उन्हें सड़ने देने पर मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि लागत मूल्य तो दूर वे परिवहन शुल्क तक नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में मंडी आने के बजाए वे टमाटर नष्ट कर दे रहे हैं।

नासिक के कृषि कार्यकर्ता सचिन होलकर ने कहा कि इस तरह के बाजार में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए टमाटर और प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने बताया कि एक एकड़ भूमि में टमाटर की खेती के लिए किसान को 2 लाख तक की पूंजी की जरूरत होती है, लेकिन बाजार की स्थिति है कि किसान औने-पौने भाव पर बेचने को मजबूर हैं। किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।

महाराष्ट्र कृषि विभाग की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक, नासिक जिले में टमाटर का औसत रकबा करीब 17,000 हेक्टेयर है। इसमें 6 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता था। इस साल जब टमाटर के दाम अचानक से बढ़े तो किसानों ने मुनाफा कमाया। इसकी वजह से इस साल टमाटर की खेती दोगुनी 35,000 हेक्टेयर की गई। यानी कुल अनुमानित उत्पादन 12.17 लाख मीट्रिक टन है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पुणे के एक मार्केट में तो टमाटर कुछ दिन पहले ही 3,200 रुपए प्रति क्रेट तक में बिक रहा था।