जबलपुर के मदन महल रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक हादसा, मालगाड़ी के चपेट में आए 6 लोग, 2 की मौत

जबलपुर मदन महल स्टेशन पर ट्रैक पार करते समय एक परिवार मालगाड़ी की चपेट में आ गया। महिला व बच्चे की मौत, चार गंभीर घायल हो गए हैं।

Updated: Dec 07, 2025, 02:06 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मदन महल रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। ट्रेन पकड़ने पहुंचे एक ही परिवार के छह सदस्य तेज रफ्तार मालगाड़ी की चपेट में आ गए। हादसे में पुष्पा सोनी नाम की महिला और एक मासूम बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य महिलाएं और दो छोटे बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार जारी है।

यह घटना उस वक्त हुई जब नरसिंहपुर जिले के दादा महाराज मंदिर क्षेत्र में रहने वाला परिवार जबलपुर से ट्रेन पकड़ने के लिए मदन महल स्टेशन पहुंचा था। जीआरपी के मुताबिक, शिवानी पटेल, नन्ही बाई, पुष्पा सोनी और उनके साथ 4 वर्षीय रीति पटेल, 2 वर्षीय इंद्रजीत पटेल और एक अन्य 4 साल का बच्चा स्टेशन पर अपनी निर्धारित ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान प्लेटफॉर्म बदलने की जल्दबाजी में परिवार की महिलाएं बच्चों को साथ लेकर सीढ़ियों या फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने के बजाय सीधे रेलवे ट्रैक पार करने लगीं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही महिलाएं बच्चों के साथ प्लेटफॉर्म से नीचे उतरी, उसी समय एक मालगाड़ी तेज रफ्तार में स्टेशन से गुजर रही थी। अचानक ट्रेन सामने आने से अफरा-तफरी मच गई और ट्रैक पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। संभलने का मौका भी नहीं मिला और महिलाएं बच्चों समेत मालगाड़ी की चपेट में आ गईं। मालगाड़ी के चालक ने खतरा भांपते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी।

हादसे के तुरंत बाद स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और कुछ कर्मचारियों ने घायलों को ट्रैक से हटाया और एंबुलेंस की मदद से उन्हें मेडिकल अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, दो लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। बाकी चार घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है।

घटना के बाद स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सामने आया है कि हादसे के समय प्लेटफॉर्म पर कोई सुरक्षा कर्मी, गार्ड या रेलवे स्टाफ मौजूद नहीं था। यदि मौके पर सुरक्षा स्टाफ होते तो यात्रियों को पटरियां पार करने से रोका जा सकता था और शायद यह हादसा टल सकता था।