शहडोल मेडिकल कॉलेज में 12 घंटे में 4 बच्चों की मौत, परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप 

डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल के अंदर इस तरह की मौतें होती रहती है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।

Updated: Mar 06, 2023, 04:39 PM IST

शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल के शासकीय विरसामुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में एक साथ 4 बच्चों की मौत का मामला आया है। बताया जा रहा है कि इन बच्चों की मौत 12 घंटे के अंदर हुई है। 

तो वहीं अस्पताल प्रशासन इसे मामूली बात मानकर मामले को टरकाने की कोशिश में है। उनका कहना है कि अस्पताल के अंदर इस प्रकार की मौतें होते रहती हैं। एक साथ चार बच्चों की मौत से मेडिकल कॉलेज के अंदर सनसनी है। बच्चों की मौत से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, सभी बच्चे मेडिकल कालेज के पीआईसीयू में भर्ती थे।

अचानक एक साथ चार बच्चों की मौत से स्वजनों में गुस्सा व्याप्त है। स्वजनों ने मेडिकल कालेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगाया है। बच्चों की मौत के मामले को छिपाने का प्रयास मेडिकल कालेज प्रबंधन कर रहा है। जानकारी के अनुसार सांस लेने की तकलीफ के चलते इलाज के दौरान बच्चों की मौत हुई है। स्वजनों ने मामले की जांच की मांग की है।

हालांकि मेडिकल कालेज प्रबंधन इसे गंभीर बात नहीं मान रहा है, यहां गंभीर हालत में ही बच्चों को भर्ती कराया जाता है, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। जानकारी के अनुसार सांस लेने की तकलीफ के चलते इलाज के दौरान बच्चों की मौत हुई है। स्वजनों ने मामले की जांच की मांग की है।

डाक्टरों का कहना है कि नवजात बच्चों को निमोनिया की शिकायत होती है और गांव के लोग पहले घरेलू उपचार करते हैं, इसके बाद बच्चों को गंभीर हालत मेडिकल कालेज तक लाया जाता है। जिसके कारण यह उपचार के बाद भी नहीं बच पाते। 

मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मनीष सिंह का कहना है कि अलग-अलग क्षेत्रों से बीमार बच्चे यहां हर दिन भर्ती हो रहे हैं। जिनकी हालत गंभीर होती है, बीमारी के कारण कई बार मौत भी हो जाती है। ऐसी कोई गंभीर बीमारी है उसके कारण मौत नहीं हुई है। निमोनिया की शिकायत इस समय होती है जिसके कारण मौत भी हो जाती है। बच्चों को इलाज देकर बचाने का ही प्रयास करते हैं। इसमें डाक्टर व अस्पताल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है।