मेरे कार्यकाल में हुआ अंबेडकर स्मारक का निर्माण, दिग्विजय सिंह ने शिवराज की झूठ का किया पर्दाफाश
महू में बाबा साहब का स्मारक बनाने का निर्णय 80 के दशक में अर्जुन सिंह जी ने लिया था। जबकि सारा स्मारक का निर्माण मेरे कार्यकाल में हुआ। इसके बारे में मैं शिवराज चौहान को चुनौती देता हूँ कि मुझे ग़लत साबित करें: दिग्विजय सिंह

महू। मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" रैली का आयोजन किया गया। कांग्रेस द्वारा आयोजित इस विशाल रैली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। रैली को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान महू के अंबेडकर मेमोरियल निर्माण का श्रेय लेने की कोशिश में दिखे। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें न सिर्फ जमकर लताड़ा बल्कि उनके झूठ का पर्दाफाश भी किया।
दरअसल, राहुल गांधी के दौरे को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे अपील की थी कि अंबेडकर स्मारक देखने अवश्य जाएं। उन्होंने यह भी दावा किया कि इसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनवाया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में आजादी के बाद दशकों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं लेकिन कांग्रेस ने उनके जन्म स्थान पर न तो कोई आयोजन किया और न ही कोई स्मारक बनाने की कल्पना की।
शिवराज ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. सुंदर लाल पटवा जी ने महू में स्मारक का भूमि पूजन किया। इसके बाद कांग्रेस की सरकार आई और वहां काम रोक दिया गया। फिर पुनः भाजपा की सरकार आई और मैं मुख्यमंत्री बना तब हमने बाबा साहब के सम्मान में दिव्य और भव्य स्मारक का निर्माण कराया।अब वहां हर साल अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन होता है, जिसमें बाबा साहब के हजारों अनुयायी आते हैं, जिनके रुकने, ठहरने एवं भोजन सहित अन्य समुचित व्यवस्थाओं का प्रबंध भाजपा की सरकार कर रही है।
अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज चौहान के इस दावे की पोल खोली है। दिग्विजय सिंह ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'शिवराज जी आपकी आदत झूठ बोलने की पुरानी है। महू में बाबा साहब की जन्म स्थली पर स्मारक बनाने का निर्णय 80 के दशक में अर्जुन सिंह जी ने लिया था। उसके बाद बाबा साहब के स्मारक का स्वरूप क्या हो उसको मूर्तरूप मोतीलाल जी वोरा ने दिया। इसी बीच 89 में भाजपा की सरकार आ गई। पकी-पकी योजना का श्रेय कैसे लेना है भाजपा से सीखें। सुंदरलाल पटवा जी ने स्मारक का शिलान्यास कर दिया। 91 में भाजपा की सरकार गिर गई और 93 में मुझे मुख्यमंत्री बनने का मौक़ा मिला। सारा स्मारक का निर्माण मेरे कार्यकाल में हुआ। इसके बारे में मैं आपको चुनौती देता हूँ आप मुझे ग़लत साबित करें।'
माननीय @ChouhanShivraj जी आपकी आदत झूठ बोलने की पुरानी है। मऊ में बाबा साहब #BabasahebAmbedkar की जन्म स्थली पर स्मारक बनाने का निर्णय 80 के दशक में माननीय श्री अर्जुन सिंह जी ने लिया था। उसके बाद बाबा साहब के स्मारक का स्वरूप क्या हो उसको मूर्तरूप माननीय मोतीलाल जी वोरा ने दिया।… https://t.co/0yG2OsKAJo
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) January 27, 2025
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती है। भाजपा और RSS मठ-मंदिरों, स्मारकों, संस्थाओं आदि पर अपना क़ब्ज़ा करने का षड्यंत्र सदैव करते आ रहे है। महात्मा गांधी की लगभग सभी संस्थाओं पर तो क़ब्ज़ा कर ही लिया है। बाबा साहेब के स्मारक पर भी जब स्मारक की प्रबंधन संस्था Dr Baba Saheb Ambedkar Memorial Society Mhow के अध्यक्ष भंते संघशील (अरविंद वासनिक) ने बीमार होने पर त्यागपत्र दिया तो भाजपा सरकार ने उनके स्थान पर राजेश वानखेड़े को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। इसी बीच संस्था की आम सभा ने भंते संघशील से त्यागपत्र वापस लेने के लिए अनुरोध किया। जिसे भंते जी ने स्वीकार कर लिया। इस बीच कार्यकारी अध्यक्ष राजेश वानखेड़े ने संस्था के संचालन में दख़लंदाज़ी कर भंते संघशील जी को इतना परेशान किया कि उन्होंने परेशान हो कर आत्महत्या कर ली। सिंह ने भंते संघशील का सुसाइड नोट भी शेयर किया है और कहा है कि क्या सरकार इसकी जाँच कराने को तैयार है?