ब्लैक फंगस से भोपाल में दो मरीजों की मौत, राजधानी में मचा हड़कंप

ब्लैक फंगस की दवाइयों की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है, मेसर्स दवा वाला मेडिकोज पर पुलिस की छापेमारी, दुकान पर ब्लैक फंगस की दवा मिली जरूर लेकिन दुकान के रिकॉर्ड में इसका कोई जिक्र नहीं था

Updated: May 15, 2021, 05:06 PM IST

Photo Courtesy: free press journal
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भोपाल। ब्लैक फंगस यानी कोरोना मरीज़ों में इलाज के दौरान विकसित हुआ नया बैक्टीरिया, mucormycosis अब भोपाल भी पहुंच गया है। पिछले दस दिनों में राजधानी में दो मरीजों की जान ब्लैक फंगस के कारण चली गई है। राजधानी में इस जानलेवा बीमारी के आगमन से हड़कंप मच गया है। गुरुवार को ही भोपाल के सुदिति अस्पताल में ब्लैक फंगस के कारण एक मरीज़ की मौत हो गई। 

भोपाल में ब्लैक फंगस से अब तक कुल दो मरीजों की मौत की खबर आई है। 60 वर्षीय एक बुज़ुर्ग की मौत बंसल अस्पताल में हुई है। जबकि एक मरीज़ ने लालघाटी स्थित सुदिति अस्पताल में दम तोड़ा। राजगढ़ के रहने वाले कमलेश को बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। लेकिन दो घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे जाने के बाद अस्पताल में कोई भी डॉक्टर कमलेश को देखने नहीं आया। 

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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को देखते हुए कमलेश के परिजन उन्हें लालघाटी स्थित सुदिति अस्पताल ले कर गए। जब मरीज़ को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था उस वक्त मरीज़ बेहोशी की हालत में था। अस्पताल ने मरीज़ की जान बचाने की कोशिश की लेकिन हालत इतनी खराब थी कि मरीज़ ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। 

दूसरी तरफ ब्लैक फंगस का आगमन होते ही भोपाल में इस जानलेवा बीमारी की कालाबजारी भी शुरू हो चुकी है। गुरुवार को पुलिस ने जब मर्सस दवावाला मेडिकोज में छापामारी की तब पुलिस को मेडिकल स्टोर से ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले लायपोजोमल के 6 इंजेक्शन मिले। पुलिस ने स्टोर के संचालक को नोटिस दे दिया है। अब लाइसेंस रद्द करने की तैयारी की जा रही है। 

यह आलम तब है जब सरकार ने खुद इसे देखते हुए अति-जागरूकता दिखायी है। और इस बीमारी के इलाज के लिए स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल खोलने तक का ऐलान कर दिया है।