MP: तेज रफ्तार ट्रेन से टकराकर बाघ की मौत, दोषी ट्रेन को जब्त करने पर अड़ा फॉरेस्ट विभाग

हादसे ने राज्य वन विभाग और रेलवे के बीच एक नया टकराव खड़ा कर दिया है, क्योंकि वन विभाग दोषी ट्रेन को जब्त करने पर अड़ा है।

Updated: Dec 12, 2025, 12:25 PM IST

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भोपाल। मध्य प्रदेश के रातापानी टाइगर रिजर्व में शिकार का पीछा कर रहे एक बाघ की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। इस हादसे ने राज्य वन विभाग और रेलवे के बीच एक नया टकराव खड़ा कर दिया है। क्योंकि वन अधिकारियों पर बाघ की मौत से जुड़े मामलों में निर्णायक और कठोर कार्रवाई करने का दबाव है। ऐसे में वन विभाग दोषी ट्रेन को जब्त करने पर अड़ा है।

यह हादसा मंगलवार रात को रायसेन जिला मुख्यालय से 95 किलोमीटर दूर टाइगर रिजर्व के ओबैदुल्लागंज रेंज के तहत बुधनी और मिडघाट के बीच हुई। शुरुआती जांच से पता चला है कि बाघ शिकार पकड़ने की कोशिश करते समय ट्रेन की चपेट में आ गया था। जिसके बाद वह इंजन में फंस गया और 25 फीट तक घसीटा गया।

घटना के बाद बाघ काफी देर तक जोर-जोर से दहाड़ता रहा, जिसके बाद रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे और वन विभाग को अलर्ट किया। चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट अशोक कुमार की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक हफ्ते में इस इलाके में बाघ की दूसरी मौत है और पिछले एक साल में रातापानी रिजर्व में यह पांचवीं मौत है। 

अधिकारी ने कहा कि बुधनी-मिडघाट रेलवे ट्रैक वन्यजीवों के लिए खतरा बना हुआ है। तेज रफ्तार ट्रेनों की चपेट में आने से लगातार वन्यजीवों की असमय मृत्यु हो रही है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले एक दशक में बुधनी-बरखेड़ा रेलवे ट्रैक पर 10 बाघ, 15 तेंदुए, दो भालू और अन्य जंगली जानवर मारे गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक वन विभाग उस ट्रेन को 'जब्त' करने पर विचार कर रहा है, जिसकी टक्कर से मिडघाट-बुधनी रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी। इसके लिए असम सरकार के फैसले का उदाहरण लिया जा रहा है, जिसने एक रेलवे इंजन को 'जब्त' कर लिया था, जिससे अक्टूबर 2020 में एक हाथी और उसके बच्चे की मौत हो गई थी।