छत पर खड़े होकर प्रदर्शन करेंगे किसान

देशभर में 234 किसान संगठन सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ जताएंगे विरोध

Publish: May 14, 2020, 10:19 PM IST

Photo courtesy : financial  express
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ग्रामीण समुदाय, किसानों व प्रवासी मजदूरों से जुड़ी मांगों पर 16 मई को पूरे देश में प्रदर्शन किये जाएंगे।  विरोध प्रदर्शन सुबह 9 बजे से शुरू होगा और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने-अपने घर के आंगन, बालकनी और छत पर खड़े होकर या गांव की गलियों में दूरी के साथ कतार-बद्ध होकर तख्तियां हाथ में लेकर नारे लगाए जाएंगे।

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अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने इस आंदोलन का आह्वान किया है। इसमें 234 किसान संगठन भागीदारी करेंगे। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मध्यप्रदेश चैप्टर के संयोजक तथा अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने प्रदेशभर के सभी किसान संगठनों तथा समन्वय समिति के घटक संगठनों से इन विरोध कार्यवाहियों को सफल बनाने का आव्हान  किया है।

इस आंदोलन की थीम ‘किसान को सम्मान दो-किसानी को मान दो’ है। बादल ने कहा है कि इस पूरी कोरोना विपदा के दौरान किसान देशभक्त कोरोना खाद्यान्न योद्दा के रूप में उभर कर सामने आये हैं। पूरे देश की भूख मिटाने के लिए अनाज, सब्जी, दूध से लेकर तेल, घी तक की जरूरतों की पूर्ति उन्होंने खुद को जोखिम में डालकर की है। मगर न तो उन्हें फसल के निर्धारित दाम मिले ना ही 20 लाख करोड़ रुपयों की लफ्फाजी में उनका कोई जिक्र तक आया। बल्कि दुनिया में पेट्रोलियम उत्पादों की सबसे काम कीमत होने के बाद भी भारत में उसकी कीमत बढ़ा दी गयी। 

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16 मई की प्रदर्शन के जरिए सभी ग्रामीण परिवारों को लॉक डाऊन के दौरान हुए रोजी-रोटी और आजीविका के नुकसान की भरपाई के लिए प्रति माह 10000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की जाएगी। संगठन कृषि कार्यों को मनरेगा से जोड़कर प्रवासी मजदूरों सहित सभी ग्रामीण परिवारों को बिना किसी भेदभाव के काम देने, रबी फसलों, वनोपजों, सब्जियों, फलों, अंडों और दूध को सरकार द्वारा खरीदने  और इनकी कीमत स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी-2 लागत मूल्य के डेढ़ गुना हिसाब से देने, शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित ढंग से बिना कोई किराया वसूले उनके गांवों तक पहुंचाने, जो प्रवासी मजदूर सरकारी सहायता के बिना अपने घरों में पहुंच चुके हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 5000 रुपये विशेष प्रवास राहत राशि देने,  लॉकडाउन और प्राकृतिक आपदा के कारण खेती-किसानी को हुए नुकसान के लिए प्रति एकड़ 10000 रुपये मुआवजा देने, किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 18000 रुपये वार्षिक करने, सभी किसानों, बंटाईदारों, खेत मजदूरों व ग्रामीण गरीबों को बैंकिंग व साहूकारी कर्ज़ से मुक्त करने,  किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए ऋण की वसूली रोकने, खरीफ की बोआई के लिए इस कार्ड पर नए ऋण जारी करने, खरीफ सीजन के लिए मुफ्त बीज, खाद और कीटनाशक देने, राशन दुकानों से दैनिक उपभोग की सभी आवश्यक वस्तुओं को सस्ती दरों पर देने, राशन वितरण में धांधली बंद करने तथा  प्रवासी मजदूरों को भी पोषण-आहार देने,  कोरोना महामारी से लड़ने और आम जनता को आर्थिक मदद देने के लिए रईसों और कारपोरेट पर टैक्स बढ़ाने और विदेशों में जमा धन वापस लाने,  ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने की मांगें की जायेंगी।