Fascist dictatorship लागू करना चाहते हैं PM मोदी, संसद में इलेक्टोरल रिफॉर्म पर चर्चा के दौरान बोले दिग्विजय सिंह
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद में कहा कि पीएम मोदी पुलवामा के शहीदों के नाम पर राजस्थान में वोट मांगते हैं, लेकिन चुनाव आयोग उन्हें आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस तक नहीं भेजता।
नई दिल्ली। राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी देश में Fascist dictatorship लागू करना चाहते हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस क्यों नहीं दिया जाता?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी जी ने चुनाव सुधार के मुद्दे पर सरकार से कुछ सवाल पूछे थे और सुझाव दिए थे, लेकिन अमित शाह ने उनके जवाब ही नहीं दिए। उन्होंने कहा कि मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट होना चाहिए। EVM के आर्किटेक्चर का ऑडिट होना चाहिए। CEC की चयन प्रक्रिया के बारे में भी कोई जवाब नहीं दिया। चुनाव आयोग के सदस्यों की इम्युनिटी पर भी जवाब नहीं दिया। CCTV फुटेज देने के मामले में भी कोई जवाब नहीं दिया गया। BJP नेताओं, कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग राज्यों में वोट कैसे डाले?
सिंह ने कहा कि हमारे राज्यसभा के एक भूतपूर्व सदस्य ने दिल्ली में भी वोट डाला और बिहार में भी वोट डाला। एक साल ही साल में दो बार वोट डाला लेकिन इसपर कोई जवाब नहीं आया। सिंह के मुताबिक गृहमंत्री शाह ने कहा कि लोकसभा में भाषण देने से पहले रात में उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से पूछा कि किसी राजनीतिक दल का सुझाव आया कि नहीं? उन्होंने कहा कि साल 2014 से 25 तक किसी ने न कोई सुझाव दिया और न ही प्रस्ताव आया। सिंह ने कहा कि मैं सदन को 21 पत्रों की प्रति दे रहा हूं जो सिटीजन कमीशन ऑन इलेक्शन के जस्टिस लोकुर के द्वारा दिए गए हैं। चुनाव आयोग में उनका संज्ञान तक नहीं हुआ। सिंह ने कहा कि मैंने खुद 24 सितंबर 2023 को ECI को पत्र लिखा। ये सारे पत्र आयोग को लिखे गए थे लेकिन आयोग ने गृहमंत्री को गुमराह कर गलत बयानी की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि या तो चुनाव आयोग गृहमंत्री को गुमराह कर रहा है या गृहमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग ने गृहमंत्री को गुमराह किया तो उन पर कार्रवाई हो। साथ ही यदि गृहमंत्री ने देश को गुमराह किया तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांगा। इसमें नीतीश कुमार के भी दस्तखत थे, लेकिन मिलने का समय तो दूर चिट्ठी की पावती तक नहीं मिली।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस देश में 2014 के बाद सभी संस्थाओं पर एक खास विचारधारा के लोगों को बिठाया जा रहा है। पीएम मोदी Fascist dictatorship लागू करना चाहते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि हिटलर और मुसोलिनी भी चुनाव जीतकर आए थे। लेकिन अंत में संस्थाओं पर कब्जा कर उन्होंने Fascist dictatorship लागू की। सिंह ने कहा कि आज रूस में पुतिन भी कहते हैं कि वे चुनाव जीतकर आए हैं। नॉर्थ कोरिया भी कहता है कि हमारे यहां चुनाव होता है। उसी प्रकार के चुनाव यहां भी हो रहे हैं। मुझे राजनीति में पचास साल हो गए लेकिन किसी भी चुनाव में हमने किसी दल का 94 फीसदी स्ट्राइक रेट नहीं देखी।
वोटर लिस्ट को लेकर सिंह ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए फूलप्रूफ मतदाता सूची होना चाहिए। चुनाव आयोग की ये जवाबदारी है कि हर नागरिक का वोट मतदाता सूची में जोड़े। पहले BLO आपके घर आता था, खुद फॉर्म भरता था और नाम जोड़ता था। लेकिन अब SIR आ गया। हमसे नागरिकता संबंधी सवाल पूछा जा रहा है। बाप-दादाओं के बारे में पूछा जा रहा है कि इनका मतदाता सूची में नाम था या नहीं था। कई लोगों ने मैट्रिक नहीं किया तो उनसे मैट्रिक का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। मैं पूछता हूं कि ये नागरिकता का चयन हो रहा या मतदाता सूची बन रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वोट चोरी के प्रमाण सबके सामने हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश के प्रमाण राहुल जी ने दिए हैं। आज निर्वाचन आयोग भी पक्षपात करता है। मोदी कर्नाटक में कहते हैं बजरंग बली का नाम लेकर भाजपा का बटन दबाओ। ये मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में आता है या नहीं? हर भाषण में मुसलमान, श्मशान, कब्रिस्तान और पाकिस्तान का जिक्र करते हैं। ये मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में आता है या नहीं? पुलवामा के शहीदों के नाम पर राजस्थान में वोट मांग रहे लेकिन चुनाव आयोग ने कार्रवाई तो दूर नोटिस भी नहीं दिया। ये पक्षपात है या नहीं? जब पार्टी का विभाजन होता है तो सिंबल फ्रिज किया जाता है। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना का चुनाव चिन्ह शिंदे और एनसीपी का चिन्ह अजित पवार को दे दिया है। ये पक्षपात नहीं तो और क्या है?
सिंह ने आगे कहा कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम्स पर तेलंगाना और तमिलनाडु में चुनाव आयोग ने रोक लगा दिया। लेकिन बिहार में कोटिंग के दिन तक वोटर्स के खाते में रुपए जाते रहे। हमारे MLAs को तोड़कर सरकार बना ली लेकिन एंटी डिफेक्शन लॉ लागू नहीं हुआ। Money power के दुरूपयोग की तो हद हो गई है। सभी को पता है कि 70 लाख में लोकसभा चुनाव नहीं होता। सभी लोग इसका झूठा प्रमाण देते हैं। ये सीलिंग हटाया जाना चाहिए। देश में सुपररिच पर टैक्स लगाना चाहिए और एक नेशनल इलेक्शन फंड्स की जरूरत है। इसका बंटवारा किसे कितना परसेंट वोट मिला उतना अनुपात में होना चाहिए।
सिंह ने कहा कि मैं बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में हूं लेकिन ईवीएम से इतना ही प्रेम है तो आप VVPAT का स्लिप हमारे हाथ में दे दीजिए। हम फोल्ड करके डब्बे में डाल देंगे। इसमें क्या आपत्ति होनी चाहिए। नीतीश कुमार ने भी यही मांग की थी। सिंह ने वन नेशन-वन इलेक्शन को भारत की विविधता को बर्बाद करने की कोशिश करार दिया और कहा कि हम फासिस्ट डिक्टेटरशिप की ओर जा रहे हैं। परिसीमन को लेकर सिंह ने कहा कि उत्तर और दक्षिण भारत के जनसंख्या में काफी फर्क है। ऐसे में जनसंख्या के आधार पर परिसीमन नहीं होना चाहिए। अभी के जो सीट्स हैं उस हिसाब से होना चाहिए।




