अस्‍पताल से बेदखली पर सुनवाई के पहले मुन्‍नी बी की मौत

गैस पीडि़तों के लिए बने अस्‍पताल को कोरोना अस्पताल में बदलने का विरोध करने वाली मुन्‍नी बी की मृत्‍यु हो गई है। अब तक 4 गैस पीडि़तों की मृत्‍यु की खबर है। उनकी याचिका पर सुनवाई बाकी है।

Publish: Apr 10, 2020, 06:15 AM IST

Bhopal gas victim  (file photo)
Bhopal gas victim (file photo)

भोपाल। गैस पीडि़तों के लिए बने भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ( बीएमएचआरसी) को कोरोना अस्पताल में परिवर्तन करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के पहले ही याचिकाकर्ता मुन्‍नी बी की मृत्‍यु हो गई। भर्ती 68 वर्षीय मरीज मुन्नी बी मरीजों को अस्‍पताल से निकाले जाने का विरोध कर रही थी।

अस्पताल में भर्ती 68 वर्षीय मरीज मुन्नी बी और भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉरमेशन एंड एक्शन ने याचिका दायर में कहा है कि 22 मार्च को मप्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी कर बीएमएचआरसी को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए विशेष अस्पताल में परिवर्तित कर दिया था। 24 मार्च को अस्पताल संचालक ने स्टाफ को आदेश जारी कर कहा कि अगले आदेश तक हास्पिटल में कोरोना मरीजों के अलावा अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद रहेंगी। इस आदेश के बाद आईसीयू, सर्जिकल और मेडिकल वार्ड से मरीजों को डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया गया। 86 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। आपात सेवाएं, ओपीडी, डायलिसिस सहित अन्य कई सेवाएं बंद कर दी गईं। याचिका में कहा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जहांगीराबाद स्थित गैस राहत या अन्य किसी अस्पताल को विशेष अस्पताल बनाया जाए।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को मप्र हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा है। मप्र हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले ही आज अस्‍पताल में भर्ती मुन्‍नी बी की मौत हो गई। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन की रचना ढींगरा के अनुसार भोपाल गैस पीड़ितों का एकमात्र सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बीएमएचआरसी को सिर्फ कोविड-19 के मरीजों के लिए अधिकृत करने से सभी ओपीडी आईपीडी एवं इमरजेंसी सेवाएं बंद हैं। इसकी वजह से लाखों गैस पीड़ित परेशान हैं और 4 गैस पीड़ितों की मौत भी हो गई है।