शौचालय नहीं होने से छात्राओं को होती है समस्या, सतना कलेक्टर ने शिकायत करने वाले शिक्षक को ही किया सस्पेंड

सतना में एक शिक्षक को सिर्फ इस लिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वह अपने स्कूल में बाउंड्री और शौचालय नहीं होने से बेटियों को होने वाली समस्या को लेकर कलेक्टर साहब के सामने पहुंच गए थे।

Updated: Feb 18, 2025, 07:19 PM IST

सतना। मध्य प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम है। आलम ये है कि किसी बात की शिकायत करने पर निराकरण की बजाए शिकायतकर्ता के विरुद्ध ही कार्रवाई हो जाती है। सतना से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षक को सिर्फ इस लिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वह अपने स्कूल में बाउंड्री और शौचालय नहीं होने से बेटियों को होने वाली समस्या को लेकर कलेक्टर साहब के सामने पहुंच गए थे। 

सतना जिले के प्राथमिक शाला चांदमारी के प्रधानाध्यापक जितेंद्र गर्ग मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर के सामने स्कूल की जमीन से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि स्कूल में न बाउंड्री वाल है और न ही शौचालय। इस कारण स्टूडेंट्स खासकर छात्राओं को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

जनसुनवाई में स्कूल की समस्या लेकर एक शिक्षक का आना सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस को इतना नागवार गुजरा कि उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया। कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए दलील दिया कि वह स्कूल टाइम में शिकायत करने आए थे। जबकि इस समय उन्हें स्कूल में होना चाहिए था। उन्हें शिकायत करना था तो वे स्कूल समय के बाद शाम 5 बजे भी मिल सकते थे।

दरअसल, जिस वक्त शिक्षक जनसुनवाई में पहुंचे थे, तब लगभग साढ़े 12 बज रहा था। यह समय शिक्षण कार्य का था, लेकिन हेडमास्टर आवेदन लेकर जनसुनवाई में थे। इस बात से नाराज होकर कलेक्टर ने उन्हें निलंबित करने का आदेश दे दिया। लेकिन, स्कूल भवन में शौचालय और बाउंड्री वॉल की फाइल दो साल से दबाकर बैठे निगम के अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

करीब दो साल पहले स्कूल भवन में शौचालय और बाउंड्री बनाने की फाइल धूल फांक रही है। बताया जाता है कि स्मार्ट सिटी मद से निर्माण की फाइल नगर निगम में अटकी हुई है। ऐसे में विद्यालय की छात्राओं को असुविधा हो रही है। इसी असुविधा को देखते हुए विद्यालय प्रबंधन मामले को कलेक्टर के संज्ञान में लाने के लिए समस्या का निराकरण किए जाने की मांग को लेकर पहुंचा था, जहां उनका आवेदन लेने के बाद निलंबित करने का आदेश जारी करवा दिया गया।