PMFBY के अंतर्गत सैटेलाइट आधारित फसल हानि आंकलन की सटीकता पर संदेह, दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री को लिखा पत्र
दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि प्रत्येक सर्वे के उपरांत उपयोग किए गए सैटेलाइट डेटा, गणना फार्मूला एवं उपज आंकड़ों को सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए।

भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सैटेलाइट आधारित फसल हानि आंकलन प्रणाली पर किसान संगठनों की आपत्तियों के संबंध में अनुरोध किया है। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत हाल के वर्षों में पारंपरिक क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट (CCE) की जगह सैटेलाइट आधारित फसल हानि आकलन प्रणाली को लागू किया जा रहा है।
सीएम शिवराज को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा है कि इस प्रणाली के विरुद्ध मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं हरियाणा सहित अनेक राज्यों में किसान संगठनों द्वारा गंभीर आपत्तियाँ एवं विरोध दर्ज किए गए हैं। पूर्व सीएम ने अपने पत्र में आगे कहा है कि किसान संगठनों का कहना है कि इस तकनीकी प्रणाली में उपज का अनुमान बायोमास इंडेक्स जैसे जटिल गणितीय मॉडलों के आधार पर लगाया जाता है, परंतु संबंधित सैटेलाइट डेटा, एल्गोरिदम एवं कैलिब्रेशन प्रक्रिया किसानों से गोपनीय रखी जाती है। उन्होंने कहा है कि इससे आकलन की सटीकता, निष्पक्षता एवं पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह उत्पन्न होते हैं।
किसान संगठनों की मांगें:-
1. प्रत्येक सर्वे के उपरांत उपयोग किए गए सैटेलाइट डेटा, गणना फार्मूला एवं उपज आंकड़ों को सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए।
2. किसानों को अपने खेत के सर्वे का पूरा विवरण देखने एवं सत्यापित करने का अधिकार प्रदान किया जाए।
3. जब तक उपरोक्त पारदर्शिता सुनिश्चित न हो, सैटेलाइट आधारित आकलन प्रणाली को स्थगित किया जाए एवं पारंपरिक CCE प्रणाली को पुनः लागू किया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि वे उक्त विषय पर संज्ञान लेकर तत्काल आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु समुचित निर्देश प्रदान करें।