SSP उर्वरक के नाम पर मिट्टी बेच रही सरकार, किसान नेता ने CM को दी गुणवत्ता की लाइव टेस्ट कराने की चुनौती

किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि मध्य प्रदेश में SSP उर्वरक घोटाला 90 फीसदी खाद अमानक, 16 फीसदी फॉस्फेट की जगह रेत और मिट्टी बेचीं जा रही है: केदार सिरोही

Updated: Sep 14, 2025, 03:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान हैं। इसी बीच अब कृषि एक्सपर्ट व किसान नेता केदार सिरोही ने सरकार पर अमानक खाद बिक्री करने के आरोप लगाए हैं। सिरोही ने कहा कि राज्य में SSP उर्वरक के नाम पर मिट्टी बेची जा रही है। उन्होंने सीएम मोहन यादव को खाद की गुणवत्ता की मीडिया के लाइव टेस्ट कराने की चुनौती दी है।

केदार सिरोही ने कहा कि DAP की कमी की आड़ मे SSP घोटाले ने किसानों को दोहरी मार दी।।मध्य प्रदेश में फसल उत्पादन के लिए आवश्यक DAP उर्वरक के आयात में कमी के कारण बनाई जा रही कृत्रिम कमी और कुप्रबंधन के कारण किसानों को वैकल्पिक SSP खाद की ओर धकेला जा रहा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश मे बिक्री होने वाला SSP खाद 90% तक अमानक है। नियम अनुरूप SSP मे 16% फॉस्फेट की जगह मिट्टी, रेत और घुलनशील अपशिष्ट से भरे जा रहे हैं।

पूर्व कृषि सलाहकार परिषद सदस्य केदार सिरोही ने इस घोटाले को “संगठित रैकेट” करार देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सीधी चुनौती दी है कि मीडिया के सामने लाइव टेस्ट कराइए, वरना यह मान लिया जाएगा कि सरकार खुद इस गिरोह की संरक्षक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में DAP कि कमी के चलते वैज्ञानिक, कृषि विभाग और सरकार किसानों को SSP उर्वरक डालने के लिए प्रेरित कर रहे जबकि वितरण किए जा रहे SSP की गुणवत्ता जाँच के नाम पर सिर्फ विभाग की कमाई और किसानों का शोषण हो रहा है।

किसान नेता ने कहा कि जिला स्तर पर कृषि विभाग का काम गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी हैं किन्तु विभाग की कंपनियों के साथ मिलीभगत, राजनैतिक दबाब के कारण सैंपलिंग प्रक्रिया निष्प्रभावी हो चुकी है। अमानक उर्वरकों के नमूने बदले जाते हैं या लैब में ‘पास’ करवा दिए जाते हैं। जिससे प्रदेश मे अमानक खाद भी मानक का झूठा प्रमाण पत्र लेकर खुलेआम बिक्री किया जा रहा है।

सिरोही ने कहा कि मध्य प्रदेश में के. फ़र्टिलाइज़र कम्पनी पहले मोबाइल लैबें गुणवत्ता परिक्षण के लिए चलाती थी जो पहले गाँवों में जाकर खाद की गुणवत्ता जाँचा करती थी। अब या तो बंद करवा दी गई, जिससे मिलावटखोरों को बेखौफ किसानों को अमानक SSP बेचने का खुला मैदान मिल गया है।

मुख्यमंत्री को सार्वजनिक चुनौती

केदार सिरोही ने मुख्यमंत्री से माँग की है कि सभी SSP ब्रांडों और सहकारी विभाग द्वारा वितरित खाद के नमूनों का मीडिया और भाजपा के किसान नेताओं के समाने प्रदेश मे बिक्री होने वाले SSP के सैम्पल प्रत्येक जीके के सरकारी बिक्री केंद्रों से किसान प्रतिनिधि, मीडिया के द्वारा लाए गए नमूनों का गुणवत्ता परीक्षण कराया जाए। उन्होंने दावा किया की 90 फीसदी SSP अमानक हैं। सिरोही ने कहा कि यदि खाद मानक निकले तो मैं सार्वजनिक रूप से भाजपा का झंडा उठाऊँगा। लेकिन यदि अमानक निकले तो तत्काल बिक्री पर रोक और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

सिरोही ने कहा कि यह मामला केवल उर्वरक की गुणवत्ता का नहीं, यह किसानों की मेहनत, उनकी जीविका और प्रदेश की कृषि आत्मनिर्भरता के साथ साथ सरकार की विश्वाशनीयता, निष्ठा और कार्यशैली का प्रश्न है। जब तक सरकार स्पष्ट और पारदर्शी कार्रवाई नहीं करती, तब तक किसान प्रशासनिक जाल में फँसे रहेंगे।

सिरोही ने कहा कि आज प्रदेश का किसान उर्वरक संकट मे फसा हैं, सरकार, विभाग और किसान सभी परेशान हैं जबकि DAP उर्वरक की कमी का विकल्प SSP हमारे पास उपलब्ध हैं मगर अमानक होने के कारण SSP शोषण का ज़रिया बन गया है। केदार सिरोही ने दो टूक कहा कि अब किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार को तय करना होगा वह किसानों के साथ है या अमानक व्यवस्था के साथ।