Digvijaya Singh : BJP प्रदेश अध्यक्ष खुद करें मेरे खिलाफ जाँच

Guna News : दलित किसान पिटाई मामले में दिग्विजय सिंह का सवाल BJP ने 15 सालों में क्यों नहीं हटाया सरकारी ज़मीन से कब्जा

Publish: Jul 17, 2020, 09:40 PM IST

गुना में दलित किसान परिवार की पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई से घिरी शिवराज सिंह चौहान सरकार के बचाव में आए BJP प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस घटना पर दुष्प्रचार करके अपने पापों को छुपाना चाहती है। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि इस प्रकरण में दिग्विजय सिंह की भूमिका की जांच करायी जाए। BJP प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा के बयान पर राज्य सभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जाँच ज़रूर होनी चाहिए बल्कि यह जाँच खुद BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ही करें।  

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि मैं भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा गब्बू पारधी और मेरे संबंधों की जॉंच की मॉंग का स्वागत करता हूँ। मैं शिवराज जी से अनुरोध करता हूँ कि इसकी जॉंच बीडी शर्मा जी को ही सौंपी जाए। यह भी जॉंच करें कि शासकीय भूमि पर से क़ब्ज़ा हटाने की कार्रवाई भाजपा के 15 सालों में क्यों नहीं की गयी?

 

छोटे सोच और बड़ी बात BJP की पुरानी आदत 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद राज्य सभा सदस्य विवेक तंखा ने ट्वीट किया कि भाजपा की पुरानी आदत। छोटे सोच और बड़ी बात। राजनीतिक स्तर ऐसे गिरता या गिराया जाता है। इतिहास सत्य का साक्षी होता है असत्य का कभी नहीं।

 

ग़ौरतलब है कि गुना में एक दलित किसान परिवार की पुलिस ने बर्बर पिटाई की। पुलिस ने किसान को लाठियों से बेदम होने तक पीटा। किसान राजकुमार अहिरवार और उसकी पत्नी सावित्री अस्पताल में भर्ती है। उनकी हालत नाज़ुक है। कांग्रेस के तीखे विरोध के बाद राज्य सरकार ने गुना के कलेक्टर और एसपी को हटाया है। मगर इस मामले में शिवराज सरकार की भारी किरकिरी हुई है। इसी के बाद BJP प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने बयान दिया है की गुना की घटना के बहाने कांग्रेस मध्यप्रदेश के सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने का षडयंत्र कर रही है, क्योंकि समाज में फूट डालना और अशांति पैदा करना उसकी संस्कृति रही है। गुना में जो घटना हुई है, उसका किसी समाज विशेष से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वह अतिक्रमण करने वाले और अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अमले के बीच का विवाद है। इस घटना के बहाने कांग्रेस अपने शासनकाल के पापों को छुपाना चाहती है और प्रदेश के वातावरण में जातिवाद का जहर घोलना चाहती है। शर्मा ने कहा था कि प्रदेश सरकार इस घटना की जांच तो करा रही है, लेकिन इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इस प्रश्न का जवाब खोजा जाना चाहिए कि आखिर किसकी शह पर गब्बू पारदी ने इस जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत जुटाई। उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था। कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए।