गुना में BJP ऑफिस के लिए तोड़े गए भील आदिवासियों के घर, दिग्विजय सिंह ने कार्रवाई पर उठाए सवाल

गुना में भाजपा कार्यालय निर्माण के लिए भील आदिवासियों के आशियाने जमींदोज कर दिए गए। पीड़ितों का कहना है कि वे 50 वर्षों से अधिक समय से वहां रह रहे थे।

Updated: Apr 08, 2025, 02:52 PM IST

गुना। मध्य प्रदेश के गुना में बीजेपी कार्यालय के निर्माण के लिए भील आदिवासियों के घरों पर बुलडोजर चलाने का मामला सामने आया है। यहां प्रशासन ने एक दिन पहले बेदखली का नोटिस देकर उनके घरों को बुलडोजर से उजाड़ दिया। इतना ही नहीं विरोध करने पर आदिवासी महिलाओं को पुलिस उठा ले गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं और प्रशासन से यथाशीघ्र पीड़ितों को वैकल्पिक जगह देने की मांग की है।

दरअसल, गुना शहर में BJP कार्यालय के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 3110 वर्ग मीटर यानी डेढ़ बीघा जमीन का आवंटन किया है। उक्त जमीन की रजिस्ट्री "बीजेपी नई दिल्ली" के नाम पर की गई है। बीजेपी ने उक्त जमीन की एवज में शासन को 1,51,29,420/- करोड़ रुपए (कलेक्ट्रेट रेट) चुकाए हैं। जिसका रजिस्ट्री शुल्क 14 लाख रुपए निर्धारित किया गया था। यह जमीन शहर के प्राइम लोकेशन पर है। स्थानीय लोगों की माने तो इसका मार्केट रेट 30 करोड़ से ज्यादा है। लेकिन भाजपा को सरकार ने बेहद कम दम में डेढ़ बीघा जमीन आवंटित कर दिया।

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इस सरकारी जमीन पर आदिवासी परिवार लंबे समय से काबिज था। नैनकराम भील और उसके परिवार के सदस्य जमीन पर वर्षों से काबिज थे, जिन्हें जमीन से बेदखल किया गया। जमीन के कुछ हिस्से पर लाखन सिंह भील के परिवार को प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत किया गया है। लेकिन बची हुई सरकारी जमीन पर नैनकराम भील रह रहा था। इसी कब्जे को हटाने के लिए प्रशासनिक अमले ने बुलडोजर से कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को हटा दिया। इस दौरान 150 पुलिसकर्मी और 50 से ज्यादा का राजस्व बल मौके पर मौजूद रहा।

अतिक्रमण हटाने के दौरान एक 80 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी महिला को खदेड़कर पुलिस कस्टडी में रखा गया। महिला रोती बिलखती रही, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सख्ती के आगे उसे मदद नहीं मिली। महिला का कहना था कि उन्हें समय दिया जाए। हंगामा कर रही महिलाओं को पुलिस की गाड़ी में बिठाकर थाने भिजवाया गया। इसके बाद JCB से मकान ढहा दिया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान अन्य आदिवासियों को भी नजरबंद किया गया था। 

इस कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए हैं। सिंह ने कहा कि गुना में ⁦भाजपा कार्यालय के लिए जो भूमि आवंटित की गई है उस पर अनेक गरीब आदिवासी परिवार कई वर्षों से रह रहे हैं। उनमें से एक PMAY के अंतर्गत आवास भी है।पूर्व शासन के निर्देश भी हैं कि जो आवासहीन गरीब परिवार शासकीय भूमि पर आवास बना कर रह रहे हैं उन्हें वहीं विस्थापित कर उन्हें पट्टे दिए जायें। उन्होंने जिला कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को वहीं आवास के पट्टे जारी किए जाएँ। यदि वह संभव नहीं है तो उन्हें जब तक वैकल्पिक भूमि आबंटित कर PMAY के अंतर्गत राशि आवंटित नहीं की जाती है तब तक उन्हें वहाँ से ना हटाया जाए।