हत्या से 7 दिन पहले खंडवा आईं थी इंदिरा गांधी, देश की सबसे बड़ी बांध परियोजना की रखी थी नींव

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। निधन से महज एक हफ्ते पहले 23 अक्टूबर 1984 को उन्होंने खंडवा में देश की सबसे बड़ी बांध परियोजना की नींव रखी थी।

Updated: Oct 31, 2023, 02:31 PM IST

खंडवा। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 39वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली में शक्ति स्थल पर पहुंच कर अपनी दादी को श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का मध्य प्रदेश से काफी जुड़ाव था। हत्या से एक हफ्ते पहले भी वह मध्य प्रदेश आईं थीं और खंडवा में उन्होंने देश की सबसे बड़ी बांध परियोजना की नींव रखी थी।

31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी। निधन से महज एक हफ्ते पहले 23 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी खंडवा में थी। यहां उन्होंने नर्मदा सागर बांध की नींव रखने के बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया था। इंदिरा गांधी की निधन के बाद खंडवा के लोगों ने प्रधानमंत्री की याद में नर्मदा सागर बांध को इंदिरा सागर नाम देने की मांग की। इसके बाद नर्मदा सागर का नाम इंदिरा सागर डैम किया गया।

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नर्मदानगर के रहने वाले समाजसेवी और पेशे से व्यापारी दीपक वर्मा बताते हैं, 'मैं किशोर अवस्था में था, तब इंदिरा गांधी ने नर्मदा सागर बांध परियोजना का उद्घाटन किया था। उस समय नर्मदा नगर के बाहर एक विशाल मैदान में जनसभा थी। इस जनसभा में लाखों की तादाद में लोग आए हुए थे। सभा स्थल से 10 किलोमीटर पहले सिर्फ ट्रैक्टर और ट्रक दिखाई दे रहे थे। लाखों लोगों के बीच इंदिरा गांधी ने भाषण दिया था। यहां उन्होंने पूरा दिन व्यतीत किया और ओडिशा के लिए रवाना हो गईं।

बता दें कि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के दो सुरक्षा गार्डों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 1, सफदरजंग रोड स्थित उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या से ठीक एक दिन पहले इंदिरा गांधी ने 30 अक्तूबर, 1984 को भुवनेश्वर में एक जनसभा में कहा था, “मैं आज यहां हूं कल शायद न रहूं। मुझे चिंता नहीं। मैं रहूं या नहीं रहूं। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया। मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी। जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा।”