एएनएम भर्ती परीक्षा में संशोधन करे शिवराज सरकार, कमल नाथ ने की मांग
संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने भर्ती परीक्षा में आरक्षण नीति और शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं, उनका कहना है कि इससे हज़ारों संविदाकर्मी स्थाई कर्मचारी बनने से वंचित रह जाएंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश में संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित करने की मांग लगातार जारी है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ ने भी नियमतिकरण की राह देख रहे संविदा कर्मियों की आवाज़ उठाई है। पीसीसी चीफ ने एएनएम भर्ती परीक्षा में जल्द ही संशोधन करने की अपील की है। वहीं संविदा कर्मचारी संघ ने भी इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को ज्ञापन दिया है।
कांग्रेस नेता कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को एएनएम की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करना चाहिए। भर्ती परीक्षा का जो विज्ञापन जारी किया है उसके कारण मध्य प्रदेश की 7000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एएनएम बहनों का भविष्य दांव पर है। वे अपनी न्यायपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
कमल नाथ ने सीएम को उनके कथन की याद दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी यह वही एएनएम बहने हैं जिन्हें आपने कोरोना योद्धा बताया था। यह संविदा स्वास्थ्य एएनएम बहनें पिछले 10 से 15 वर्ष से मध्य प्रदेश की जन स्वास्थ्य व्यवस्था का अभिन्न अंग है। एक तरफा भर्ती नियमों के कारण इनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 27, 2023
पीसीसी चीफ ने छिंदवाड़ा में एएनएम कार्यकर्ताओं से हुई मुलाकात का ज़िक्र करते हुए बताया कि मेरी, छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों से इस संबंध में मुलाकात हुई थी और वे न्यायालय की शरण में गई थी। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों को परीक्षा की अनुमति दी गई है। सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
दरअसल हाल ही में मध्य प्रदेश शासन ने हाल ही में लगभग पांच हज़ार पदों पर भर्ती निकाली है। जिसमें एएनएम, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन के पद शामिल हैं। हालांकि लम्बे अरसे से अपने नियमितीकरण का इंतज़ार कर रहे संविदा कर्मी इस भर्ती प्रक्रिया से नाखुश हैं। परीक्षा में आरक्षण नीति और शैक्षणिक योग्यता को लेकर संविदा कर्मी के बीच असंतोष है।