जंबूरी मैदान से बाहर निकले करणी सैनिक, भेल चौराहे पर पुलिस ने रोका, सड़क पर धरना शुरू

करणी सैनिकों ने कहा कि अभी यह आंदोलन की शुरूआत है। अगर मांगे नहीं मानी गई, तो किसान और स्टूडेंट भी इस आंदोलन में जुडेंगे। सरकार, मैदान खाली कराने के लिए अगर मारना चाहती है, तो मारे।

Updated: Jan 09, 2023, 10:24 AM IST

भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन आज दुसरे दिन भी जारी है। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे मैदान पर एकत्रित करणी सैनिक रैली की शक्‍ल में जंबूरी मैदान से बाहर निकले और आगे बढ़े। वे ज्‍योति टाकीज चौराहा पहुंचकर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण करना चाहते थे। हालांकि पुलिस ने भेल एरिया में स्‍थित महात्‍मा गांधी चौराहे पर बैरिकेडिंग कर उनका रास्‍ता रोक दिया। 

प्रदर्शन को रोके जाने के बाद बाद करणी सेना एवं सर्व समाज ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया है। वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं। साथ ही संगठन के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर धरने के दौरान उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के दौरान पुलिस कर्मियों से बहस भी हुई।

करणी सैनिकों ने कहा कि अभी यह आंदोलन की शुरूआत है। अगर मांगे नहीं मानी गई, तो किसान और स्टूडेंट भी इस आंदोलन में जुडेंगे। हम जंबूरी मैदान खाली नहीं करने वाले। सरकार, मैदान खाली कराने के लिए अगर मारना चाहती है, तो मारे।
मामले पर एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया ने कहा कि अभी करणी सेना परिवार को समझाया गया है कि प्रॉपर अनुमति लेकर प्रदर्शन करें। अभी एक दिवसीय कार्यक्रम की अनुमति थी। जो अनुमति थी वो कल खत्म हो चुकी है। आज की अनुमति नहीं है। यदि इनका प्रतिनिधि मंडल जाना चाहे तो महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर जा सकता है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार करणी सेना के साथ अन्याय कर रही है। करणी सेना की जो जायज मांगें हैं उन्हें मानना चाहिए। करणी सेना ने जो मांग पत्र भेजा है उसमें पिछडे वर्ग, एससी, एसटी वर्ग के साथ न्याय की बात की है। अगर उसमें कुछ गलत हो तो उसमें सुधार करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए। लेकिन शिवराज सिंह की जो मानसिकता है वो सामान्य वर्ग के पक्ष में नहीं हैं। 

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उन्होंने आगे कहा, 'हम समाजवादी रहे हैं। हर वर्ग का ख्याल करते हैं, किसी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। प्रजातंत्र में वे अपनी बात करने आए थे, मैदान सील कर दिया। रोकने का प्रयास किया। जब इस मुद्दे को उठाया तो सरकार भयभीत हो गई। डर की वजह से मैदान खोल दिया। मैं करणी सेना और राजपूत समाज के लोगों से कहना चाहता हूं अपने अपमान का बदला नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में लेना है। जिस प्रकार महाराणा प्रताप ने लड़ाई लड़ी थी, उसी प्रकार भाजपा का प्रदेश से सफाया करके ही चैन लेंगे।'