जंबूरी मैदान में पूरी रात डटे रहे करणी सैनिक, नेताओं का आमरण अनशन शुरू, ड्रोन से रखी जा रही है नजर

करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत 5 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह होगा।

Updated: Jan 09, 2023, 04:15 AM IST

भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन जारी है। अपनी मांगों को लेकर करीब ढाई लाख क्षत्रिय युवाओं ने रविवार को जंबूरी मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं कड़ाके की ठंड में भी करणी सैनिक रात भर जंबूरी मैदान में डटे रहे।

देर शाम करणी सेना परिवार के मुखिया जीवन सिंह शेरपुर, गुजरात के करणी सेना अध्यक्ष राज शेखावत और शैलेंद्र सिंह झाला समेत कई समाज के कई नेता मांगे पूरी होने तक अनशन पर बैठ गए थे। अंधेरा होने के बाद मोबाइल की टॉर्च जलाकर क्षत्रिय युवा अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते दिखे। ये युवा शनिवार रात से ही यहां जमा हुए हैं। 

आंदोलन में शामिल कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह होगा।
आंदोलनकारी अपने साथ कंबल, गद्दे और हफ्तेभर का राशन लेकर आए हैं। बता दें कि पांच राज्यों से कार्यकर्ता इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचे थे। पुलिस ने रणनीति अपनाई थी कि किसी भी गाड़ी या कार्यकर्ताओं को रोकना-टोकना नहीं है। पुलिस पूरे कार्यक्रम पर ड्रोन से नजर रखे हुए थी।

जीवन सिंह ने मंच से करणी सैनिकों को कहा कि जिसे जाना हो वो खुशी से जा सकता है, लेकिन कहीं भी तोड़फोड़ और उद्दंडता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील की। हालांकि, करणी सेना के लोग सड़कों पर उत्पात मचाने से भी बाज नहीं आए। करणी सैनिकों ने कहा कि अभी यह आंदोलन की शुरूआत है। अगर मांगे नहीं मानी गई, तो किसान और स्टूडेंट भी इस आंदोलन में जुडेंगे। हम जंबूरी मैदान खाली नहीं करने वाले। सरकार, मैदान खाली कराने के लिए अगर मारना चाहती है, तो मारे। 

प्रदेश के क्षत्रिय वर्ग के मंत्री अरविंद भदौरिया करणी सेना के नेताओं को मनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि, 'क्षत्रिय समाज के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया गया है। सभी वर्गों के कल्याण के लिए जो भी किया जा सकता है, वो राज्य सरकार करेगी। सभी वर्गों के साथ चर्चा के लिए राज्य सरकार के द्वार हमेशा खुले हुए हैं।'

करणी सेना परिवार के शैलेंद्र सिंह झाला ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने बताया है कि सरकार मांगों पर विचार के लिए मंत्रियों की एक कमेटी बना सकती है, लेकिन हम अभी इससे सहमत नहीं हैं। हमें लिखित में आदेश चाहिए। हम किसी भी मौखिक घोषणा पर आंदोलन से नहीं हटेंगे।