MP पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जबलपुर हाईकोर्ट को फिर से सुनवाई करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में जबलपुर हाईकोर्ट को निर्देश दिया है पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन मामले पर 16 दिसंबर को फिर से सुनवाई करे, याचिकाकर्ताओं ने बताई जीत

Updated: Dec 15, 2021, 03:10 PM IST

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुना दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने जबलपुर हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि वह इस मामले पर दोबारा सुनावई करे। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत के इस फैसले को अपनी जीत बताई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को निर्देशित किया है कि गुरुवार 16 दिसंबर को इस मामले पर फिर से सुनवाई कर जल्द ही इसका निपटारा करें। बता दें कि इसके पहले हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में आरक्षण संबंधी रोटेशन का पालन ना करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने कहा है कि पंचायत चुनाव पर सरकार का ही निर्णय मान्य होगा।

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दरअसल, याचिकाकर्ता सैयद जफर और जया ठाकुर का कहना है कि चुनाव के नोटिफिकेशन में साल 2014 के चुनाव के दौरान यानी पुरानी आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है जो पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है। क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि हर पांच साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा। यानी जिन चुनाव क्षेत्रों में आरक्षण था उसे बदल दिया जाएगा। एमपी सरकार पुरानी आरक्षण व्यवस्था पर ही चुनाव चाहती है, जबकि याचिकाकर्ताओं ने सरकार की मनमर्जी और संवैधानिक प्रक्रिया की अनदेखी करार दिया है। इसी को लेकर मामला न्यायालय में है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी आरोप लगाया है कि राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव डालकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कराया गया है, जिसमें आरक्षण प्रक्रिया पर एमपी सरकार का रवैय्या गलत है।