MP: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी 150 करोड़ की लागत से निर्मित अस्पताल, बेस पिलर अपनी जगह से खिसका
अस्पताल के बेस का एक मजबूत पिलर दरार खाकर अपनी जगह से खिसक गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत और संरचनात्मक जांच नहीं की गई, तो पूरा स्ट्रक्चर गंभीर खतरे में पड़ सकता है।

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा में 150 करोड़ की लागत से निर्मित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। हाल ही में बैक टू बैक अस्पताल की फॉल सीलिंग धड़ाम से गिर चुकी थी, जिससे कई मरीज और उनके परिजन बाल-बाल बचे। उस समय मामले को मामूली तकनीकी गड़बड़ी बता कर दबा दिया गया था। अब अस्पताल के बेस का एक मजबूत पिलर दरार खाकर अपनी जगह से खिसक गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत और संरचनात्मक जांच नहीं की गई, तो पूरा स्ट्रक्चर गंभीर खतरे में पड़ सकता है। यह वही अस्पताल है, जहां रीवा और आसपास के जिलों से हार्ट और गंभीर बीमारियों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। अधिवक्ता बीके माला ने बताया कि इसे प्रदेश सरकार ने ‘आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का केंद्र’ बताया था। लेकिन करोड़ों की लागत और तकनीकी इंजीनियरिंग के बावजूद निर्माण में इतनी बड़ी खामियां कैसे रह गईं, यह चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जब फॉल सीलिंग गिरने की घटना हुई थी, प्रशासन ने इसे ‘छोटी तकनीकी गड़बड़ी’ बताकर टाल दिया। अब पिलर खिसकने की घटना से यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल छोटी गलती नहीं बल्कि लापरवाही और संभवतः भ्रष्टाचार का परिणाम है।मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि करोड़ों का यह प्रोजेक्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की सुरक्षा किस तरह सुनिश्चित होगी, यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है।
वहीं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक अक्षय श्रीवास्तव ने स्थानजी मीडियाकर्मियों से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अस्पताल का रखरखाव पीडब्ल्यूडी के अंडर में है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलेश्वर पटेल ने भी इसे लेकर भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है।
उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, 'रीवा में 150 करोड़ से बना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कुछ साल पहले ही बने इस अस्पताल में पहले छत गिरी और अब पूरा पिलर ही खिसकने लगा है। पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते आम लोगों की जान पर बन आई है। आख़िर मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कब गहरी नींद से जागेगा?'