अडानी ग्रुप को 1 रुपये में जमीन देने के विरुद्ध पटना में कांग्रेस का प्रदर्शन, जमीन चोर, गद्दी छोड़ के नारे गूंजे

भागलपुर में अडानी ग्रुप को 1,050 एकड़ जमीन 1 रुपये सालाना दर पर दिए जाने को लेकर बिहार कांग्रेस ने पटना में जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि किसानों से जबरन जमीन छीनी गई और पेड़ काटे जाएंगे, जबकि सरकार व अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों का खंडन किया है।

Updated: Sep 18, 2025, 03:49 PM IST

पटना। बिहार के भागलपुर में उद्योगपति गौतम अडानी को पावर प्लांट लगाने के लिए 1 रुपये प्रतिवर्ष की दर से 1,050 एकड़ जमीन दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को राजधानी पटना में बिहार कांग्रेस ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। बिहार कांग्रेस के इस विरोध मार्च में हजारों की तादाद में शामिल लोगों ने जमीन चोर, गद्दी छोड़ के नारे लगाए। 

कांग्रेस का आरोप है कि बिहार सरकार ने भागलपुर के किसानों से उनकी 1050 एकड़ जमीन 1 रुपए सालाना दर पर अडानी ग्रुप को दे दिया है। इस भूभाग पर करीब दस लाख पेड़ हैं, जिन्हें काटा जाएगा। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन शुरू कर दी है।बिहार कांग्रेस का ये विरोध प्रदर्शन पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम से बांसघाट स्थित राजेन्द्र बाबू की समाधि तक पहुंचा। 

मार्च में भारी संख्या में लोगों को देखते हुए पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। इस मार्च में बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधानमंडल दल के नेता डॉं. शकील अहमद खान, विधान परिषद के नेता डॉ. मदन मोहन झा भी शामिल हुए। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने भागलपुर के किसानों की जमीनें धमकाकर और जबरदस्ती छीन ली है। 

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने अडाणी के पक्ष मे रजिस्ट्री करवाई और किसानों को अपनी बात पीएम तक पहुंचाने का मौका तक नहीं दिया। बल्कि जब पीएम दौरे के लिए बिहार आए थे तब इन किसानों को नजरबंद कर दिया गया था। कांग्रेस का कहना है कि किसानों की जमीन लूटने वालों को जनता कभी माफ नहीं करने वाली है।

बता दें कि बीते 15 सितंबर को पीएम मोदी के बिहार दौरे के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन खेड़ा ने राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस वार्ता में खेड़ा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिहार में वोट चोरी की तैयारी की जा रही है। लेकिन अगर वोट चोरी से भी काम नहीं बनता है तो जाते-जाते प्रदेश की सभी चीजे अडाणी को सौंपते जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि भागलपुर के किसानों की जमीन जबरन धमकाकर ली गई है और उन्हें पीएम के दौरे के दौरान नजरबंद कर दिया गया है ताकि वह अपनी बात वहां तक नहीं पहुंचा सके।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ये भी दावा किया था कि किसानों से पेंसिल से हस्ताक्षर करवाए गए और उनकी जमीनें छीन ली गईं। फिर, उसी प्लांट से पैदा हुई बिजली बिहार के लोगों को 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी, जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए यह दर 3 से 4 रुपये प्रति यूनिट है। वहां के किसानों का कहना है कि उनकी जमीन के बदले उन्हें सरकार की ओर से उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया है। 

भागलपुर के इन जमीनों पर तकरीबन 10 लाख से ज्यादा विभिन्न तरह के पेड़ हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मौजूदा सरकार पर यह भी आरोप लगाया था कि एक तरफ ये 'एक पेड़ माँ के नाम' जैसे अभियान चलाती है और फिर उन्हें ही काटती है। साथ ही उन्होंने बजट में इस 2,400 मेगावाट की परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि पहले तो सरकार ने कहा था कि वह खुद प्लांट लगाएगी लेकिन बाद में इसे गौतम अडाणी को सौंप दी। 

उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी बिहार के भागलपुर में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने जा रही है। जिसके लिए सरकार ने कंपनी को जिले में 1050 एकड़ जमीन 1 रुपए प्रति एकड़ सालाना के दर पर दी है। हालांकि, उनपर लगे तमाम आरोपों का उन्होंने खंडन किया है और कहा कि उनकी कंपनी को 6.075 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की सबसे कम सप्लाई रेट की पेशकश करके यह प्रोजेक्ट मिला है। 

साथ ही उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट सबसे कम बोली के आधार पर अडानी ग्रुप को दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में टेंडरिंग प्रोसेस का पूरी तरह पालन किया गया। बोली प्रक्रिया में चार कंपनियों ने भाग लिया था और सबसे कम रेट पर बिजली सप्लाई देने के आधार पर प्रोजेक्ट अडानी पावर लिमिटेड को सौंप दिया गया।