MP में अब प्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाएंगे नगरपालिका अध्यक्ष, कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि अब नगरीय निकायों में अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। पहले केवल महापौर जनता द्वारा चुने जाते थे।

भोपाल। CM मोहन यादव की अध्यक्षता में 9 सिंतबर को कैबिनेट मीटिंग हुई। इस मीटिंग में प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। अब प्रदेश में डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष प्रणाली से निकाय चुनाव होंगे। जनता सीधे अपना नागपालिका अध्यक्ष चुन सकेगी। पहले केवल महापौर जनता द्वारा चुने जाते थे। जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष का चयन पार्षदों की वोटिंग से होते थे।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने मंगलवार को हुई बैठक में 'मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम' यानि निकाय चुनाव में बदलाव का प्रस्ताव पास कर दिया है। जिसके बाद यह प्रस्ताव पास करने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यह लागू हो जाएगा। साथ ही आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में यानी 2027 में जनता सीधे नगर पालिका-परिषद के अध्यक्ष के चुनाव करेगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से हो रहा था। एमपी की कई नगर पालिका-परिषदों में अध्यक्षों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव आने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। सरकार का तर्क है कि इस प्रणाली को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहे हैं, खासकर पार्षदों की खरीद-फरोख्त और धनबल के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर, इसलिए प्रत्यक्ष प्रणाली सही रहती है क्योंकि इसमें सीधे जनता अपना नगर पालिका-परिषद का अध्यक्ष चुनती है, इसलिए एमपी में यह प्रणाली फिर से लागू होने वाली है।
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि 17 सितंबर से सेवा पखवाड़ा शुरू हो रहा है। 2 अक्टूबर तक यह पखवाड़ा चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जिलों के भ्रमण पर रहेंगे। उनका हेलिकॉप्टर कहीं भी अचानक उतरेगा और सेवा पर्व कार्यक्रमों में शामिल होकर लोगों से योजनाओं के लाभ के बारे में जानकरी लेंगे। बता दें कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। वह धार जिले के बदनावर में पीएम मित्रा का भूमिपूजन और अन्य कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे।