जीवाजी विश्वविद्यालय में हो रही थी खुलेआम नकल, उड़नदस्ता टीम ने 29 छात्रों के खिलाफ दर्ज किया प्रकरण
भिंड के मेहगांव कॉलेज में जीवाजी विश्वविद्यालय की परीक्षा के दौरान छात्रों को सामूहिक रूप से नकल करते पकड़ा गया। छात्रों के पास से गाइड, मोबाइल, पर्चियां मिलीं। 44 में से 29 छात्रों पर UMC बना और पूरा स्टाफ संदेह के घेरे में आया।
भिंड। मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में भिंड जिले के मेहगांव स्थित शासकीय महाविद्यालय में खुलेआम सामूहिक नकल का गंभीर मामला सामने आया है। बीएससी और बीएड पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान नकल की सूचना के बाद लीड कॉलेज के प्राचार्य और उड़नदस्ते के प्रभारी प्रो. रामअवधेश शर्मा की टीम ने औचक निरीक्षण किया। टीम के परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते ही हड़कंप मच गया और कुछ ही मिनटों में परीक्षा व्यवस्था की वास्तविकता खुलकर सामने आ गई।
निरीक्षण में पता चला कि छात्र खुले तौर पर गाइड बुक, नकल की पर्चियों और मोबाइल फोन के सहारे प्रश्न हल कर रहे थे। कुछ छात्र पुस्तकों से सीधे उत्तर लिखते पाए गए जबकि कई मोबाइल से जवाब खोजकर कॉपी में उतार रहे थे। उड़नदस्ता टीम ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर गेट चेकिंग बिल्कुल नहीं थी। इतना ही नहीं बाहरी लोग भी बिना किसी रोक-टोक के परीक्षा कक्षों में घूम रहे थे जो परीक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन है।
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टीम के कक्ष में पहुंचते ही कई छात्र घबराकर पर्चियां छिपाने लगे। इस दौरान कुछ छात्रों ने सीटें छोड़कर भागने की कोशिश भी की और कुछ ने टीम के सदस्यों के साथ अभद्रता भी की। स्टाफ के सहयोग से स्थिति को नियंत्रित कर कार्रवाई जारी रखी गई।
जांच का सबसे चिंताजनक पहलू यह था कि परीक्षा केंद्र का पूरा स्टाफ नकल में संलिप्त पाया गया। केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, स्थायी निरीक्षक और कक्ष निरीक्षकों की भूमिका पर गंभीर संदेह जताया गया है। उड़नदस्ता टीम ने पाया कि परीक्षा केंद्र पर लगे सभी CCTV कैमरे बंद थे और किसी भी प्रवेश बिंदु पर निगरानी नहीं की जा रही थी। यह स्पष्ट संकेत है कि तैयारियों और व्यवस्था को जानबूझकर ढीला छोड़ा गया था।
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उड़नदस्ता टीम ने कुल 44 परीक्षार्थियों की जांच की जिनमें से 29 छात्रों के खिलाफ नकल प्रकरण (UMC) दर्ज किए गए। टीम का कहना है कि यह नकल किसी एक या दो छात्रों द्वारा नहीं बल्कि सामूहिक रूप से कराई जा रही थी जो केंद्र की घोर लापरवाही और स्टाफ की भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठाती है। प्रो. रामअवधेश शर्मा ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति को भेज दी है। टीम ने अनुशंसा की है कि इस परीक्षा केंद्र को तुरंत निरस्त किया जाए और आगामी परीक्षाएं मेहगांव की जगह शहर के किसी अन्य शासकीय कॉलेज में आयोजित कराई जाए। रिपोर्ट की प्रतियां उच्च शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई हैं।
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