चयनित शिक्षकों को 3 सितंबर को मिलेगा नियुक्ति पत्र, सीएम चौहान बोले- अब भव्य कार्यक्रम रखकर बाटूंगा नौकरियां

इंदौर में शनिवार को आयोजित प्रदेशव्यापी रोजगार दिवस कार्यक्रम में पहुंचे सीएम चौहान, एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का ऐलान

Updated: Aug 27, 2022, 11:37 AM IST

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इंदौर में टॉय क्लस्टर का शिलान्यास किया। यहां रोजगार दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने हितग्राहियों को चेक और प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान सीएम ने एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का भी ऐलान किया। साथ ही कहा कि 3 सितंबर को भोपाल के जंबूरी मैदान में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि, 'मध्य प्रदेश के बेटा-बेटियों और भाई-बहनों को हम रोजगार से लगा सकें, हमारा यही फोकस है।मुझे बताते हुए खुशी है कि हम जनवरी से मार्च तक 13 लाख लोगों को और अप्रैल से जुलाई तक 9 लाख 52 हजार से अधिक गरीब भाई-बहनों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोन देकर उनका काम धंधा चालू करवा चुके हैं।'

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'हम लगातार स्व-सहायता समूह की बहनों, फुटपाथ पर फल-सब्जी बेचने वालों, छोटा-मोटा व्यवसाय करने वालों से लेकर, वह बच्चे जिनके पास इनोवेटिव आइडियाज हैं उनके स्टार्टअप शुरु करवाने तक उनके साथ खड़े रहेंगे। उनका काम धंधा शुरु करवाएंगे। हम 42 क्लस्टर शुरु कर चुके हैं।'

उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि, 'मैं 3 सितंबर को मध्यप्रदेश के चयनित 16 हजार शिक्षकों को भोपाल में आयोजित विशाल कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र देकर पढ़ाने के लिए विदा करूंगा। मध्य प्रदेश में एक साल में 1 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। जहां चाह है वहां राह निकल जाती है। जितने भी मेरे बेटा-बेटी अपना काम धंधा शुरु करना चाहते हैं वह मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ लें। लोन की गारंटी सरकार लेगी। हम एक साल में लगभग 1 लाख बेटा-बेटियों को योजना का लाभ देकर उनके काम-धंधे शुरु कराएंगे।' 

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'मैं हर महीने बैंकर्स के साथ चर्चा कर ऋण स्वीकृत कराने का काम करता हूं। मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, संत रविदास स्वरोजगार योजना, पीएम स्वनिधि और सीएम स्वनिधि ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिनसे स्व-रोजगार की राह आसान हुई है। यह कार्यक्रम करने का लक्ष्य इतना है कि अन्य लोगों में भी यह आत्मविश्वास पैदा हो जाए कि जब इतने लोगों को रोजगार मिला है तो प्रयास करने पर उन्हें भी मिलेगा। बहनों-भाइयों, किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है। रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनिए।'