MP में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार, रिश्वत लेते रंगे हाथ क्लर्क-टीचर की जोड़ी पकड़ाई

राजगढ़ जिले के सारंगपुर में बीआरसी के बाबू व एक निजी स्कूल के टीचर को भोपाल लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।

Updated: Jan 08, 2025, 09:37 AM IST

राजगढ़। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य में हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ रही है बावजूद इसके रिश्वतखोर बाज नहीं आ रहे हैं। हालिया मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का है जहां शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। राजगढ़ जिले के सारंगपुर में बीआरसी के बाबू व एक निजी स्कूल के टीचर को भोपाल लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।

राजगढ़ के सारंगपुर में मंगलवार को भोपाल लोकायुक्त की टीम ने बीआरसी के बाबू हेमंत दांगी और एक प्राइवेट स्कूल के टीचर रमेशचंद्र नागर को 4 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर बाबू ने डीपीसी के नाम पर मां सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल करौंदी के संचालक सूरज सिंह तोमर से आरटीई की राशि के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी पहली किस्त के तौर 4 हजार रुपए देना तय हुआ था। स्कूल संचालक ने भोपाल लोकायुक्त से मामले की शिकायत की थी और शिकायत जांच में सही पाए जाने पर लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को रिश्वतखोर बाबू को ट्रैप किया।

मंगलवार को स्कूल संचालक सूरज सिंह तोमर को रिश्वत के चार हजार रुपए लेकर लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर बाबू हेमंत दांगी के पास भेजा। स्कूल संचालक ने पहले रिश्वत के रूपए बाबू हेमंत को दिए और हेमंत ने रूपए प्राइवेट स्कूल के टीचर रमेश चंद्र नागर को दिए थे। दोनों को रिश्वत के रूपयों के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है। लोकायुक्त इंस्पेक्टर रेणु तिवारी ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब परिवार के बच्चों का एडमिशन होता है। जिसकी प्रतिपूर्ति शासन स्तर पर होती है। उक्त राशि के भुगतान के लिए बीआरसी और डीपीसी के माध्यम से होता है। स्कूल संचालक से इसी राशि के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगी गई थी।