सिलवानी में आदिवासी युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप

शिवराज सरकार में कभी भाजपा नेता, कभी पुलिस, कभी प्रशासन तो कभी दबंग आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए: कमलनाथ

Updated: Aug 25, 2023, 01:56 PM IST

रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन में एक आदिवासी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। परिजन का कहना है कि मंगलवार को पुलिस युवक को पीटते हुए चौकी ले गई थी। बुधवार सुबह वह घर में बाहर के कमरे में पड़ा मिला। आनन-फानन में अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

मामला जिले के सिलवानी तहसील के चैनपुर गांव का है। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस श्रीराम को मंदिर से स्कूल तक जूते-चप्पल से मारते हुए गाड़ी में बैठाकर चौकी ले गई थी। मृतक के पिता जगमोहन आदिवासी का आरोप है कि पुलिस ने उसकी हत्या की है। गांव के पूर्व सरपंच निरपत सिंह ठाकुर ने बताया, मंगलवार रात को अंधेरे में कब, कितने बजे और कौन श्रीराम को कमरे में छोड़कर चला गया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। श्रीराम खेती करता था। उसकी शादी हो चुकी थी। उससे बड़ा एक भाई भी है।

जैथारी पुलिस चौकी प्रभारी सत्येंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि मंगलवार शाम को सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने फोन पर जानकारी दी कि भजन कार्यक्रम में श्रीराम आदिवासी नशे में गाली-गलौज और अभद्रता कर रहा है। उसे हम पुलिस चौकी लेकर आए। रात करीब 8:30 बजे उसे पप्पू ठाकुर और मस्तराम आदिवासी को सुपुर्द कर दिया था। वे श्रीराम को बाइक पर बैठाकर ले गए थे। दूसरे दिन उसकी मौत की सूचना मिली। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। वहीं, पप्पू ठाकुर का कहना है कि रात 8.30 बजे श्रीराम को बाइक पर बैठाकर गांव के बाहर छोड़ दिया था।

मामले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कमलनाथ ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'सिलवानी में आदिवासी युवक श्रीराम आदिवासी की मृत्यु का दुखद समाचार सामने आया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसकी जूतों से पिटाई की और सुबह वह मृत पाया गया। मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहूंगा कि इस मामले में इंसाफ होगा या फिर आदिवासियों पर अत्याचार करने की अपनी आदत के मुताबिक इस मामले को भी रफा दफा कर दिया जाएगा। शिवराज सरकार में कभी भाजपा नेता, कभी पुलिस, कभी प्रशासन तो कभी दबंग आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सबसे सख्त कार्रवाई की जाए।'