जैसलमेर बस हादसे में जिंदा जल गए 20 लोग, DNA से होगी शवों की शिनाख्त

जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर के.के ट्रैवल्स की एसी बस में मंगलवार को भयंकर आग लगी। इस आग में 20 यात्रियों की मौत हो गई। जांच में यह बात सामने आई कि बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी।

Updated: Oct 15, 2025, 09:20 AM IST

जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को हाहाकार मच गया। यहां एक बस में आग लगने की घटना ने हर इंसान के दिल को दहला दिया। आर्मी स्टेशन के पास जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर चलती बस में अचानक भड़की आग ने 20 यात्रियों की जान ले ली। सबके आंखों के सामने 20 लोग जिंदा जलकर मर गए, मगर आग की लपटों के कारण कोई कुछ नहीं कर पाया।

जैसलमेर में बस अग्निकांड का शिकार 20 लोगों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू हो गई है। अपनों की तलाश कर रहे परिवारों के दो मेंबर्स के सैंपल लिए जा रहे हैं। डीएनए सैंपलिंग के लिए जोधपुर के महात्मा गांधी और जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल में अरेंजमेंट किए गए हैं। इससे पहले मंगलवार देर रात 19 शवों को जैसलमेर से जोधपुर लाया गया। इनमें एक पोटली भी थी, जिसमें केवल हडि्डयां थीं। वहीं, एक व्यक्ति की डेडबॉडी पहले से ही जोधपुर में थी।

दरअसल, मंगलवार दोपहर 3.30 बजे जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी। हादसे में 20 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि शव बस की बॉडी पर चिपक गए। कुछ लोग जलकर कोयले जैसे हो गए। मरने वालों में एक पत्रकार राजेंद्र चौहान भी हैं। हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों की भी मौत हुई है। अग्निकांड में 15 लोग 70 प्रतिशत तक झुलसे भी हैं। घायलों में एक कपल भी है, जो प्री-वेडिंग शूट कराकर जोधपुर लौट रहा था।

स्लीपर बस में आग लगने के कारणों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे है। सबसे पहले बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की बात सामने आई थी। इसके बाद एसी का कम्प्रेशर पाइप फटने से आग लगने का दावा था। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि बस की डिग्गी पटाखों से भरी थी, इस कारण आग भड़की।

जांच में यह बात सामने आई कि बस में पीछे की यूनिट में आग लगी। बस के अंदर फाइबर की बॉडी और पर्दे लगे थे और खिड़कियां कांच की थी। इस वजह से आग तेजी से आगे बढ़ी और फैल गई। बस की वायरिंग जल जाने से दरवाजा लॉक हो गया। इसके कारण यात्री बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही छटपटा कर जिंदा जलकर मर गए। इस एसी बस में सिर्फ आगे ही एक गेट था। बस के अंदर गैलरी काफी संकरी थी। गेट लॉक होने से यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।