असम में IAF का रिटायर्ड अफसर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाकिस्तान को भेज रहा था खुफिया जानकारी
असम से एक रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी को पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जबकि, अरुणाचल प्रदेश में दो अन्य संदिग्ध जासूसी के आरोप में हिरासत में लिए गए हैं।
नई दिल्ली। देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पूर्वोत्तर भारत में कथित जासूसी नेटवर्क पर शिकंजा कसा है। असम के सोनितपुर जिले से एक रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जबकि, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर समेत अन्य इलाकों से जासूसी के आरोप में दो और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इन मामलों को आपस में जुड़े नेटवर्क के तौर पर देखा जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियां गहन जांच में जुटी हैं।
असम पुलिस के मुताबिक, सोनितपुर जिले से गिरफ्तार आरोपी की पहचान कुलेंद्र शर्मा के रूप में हुई है। वह भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी है और उस पर सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े लोगों के संपर्क में रहने का आरोप है। पुलिस का दावा है कि कुलेंद्र सेना और वायुसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा कर रहा था। खुफिया इनपुट मिलने के बाद उसे हिरासत में लिया गया। जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप से संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है। हालांकि, पुलिस को आशंका है कि कुछ अहम डेटा जानबूझकर डिलीट किया गया है।
यह भी पढ़ें:नकली पुलिस अफसर बनकर पुलिस को ही लगा डाला फोन, कॉन्स्टेबल की सूझ बूझ ने ठग के साजिश को किया नाकाम
सोनितपुर के डीएसपी हरिचरण भूमिज ने बताया कि कुलेंद्र शर्मा के पाकिस्तान से संबंधों को लेकर संदेह काफी मजबूत हैं और जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कुलेंद्र शर्मा रिटायरमेंट से पहले तेजपुर वायुसेना स्टेशन में जूनियर वारंट ऑफिसर के पद पर तैनात था। यह वही एयरबेस है जहां सुखोई-30 स्क्वाड्रन समेत वायुसेना के कई महत्वपूर्ण हवाई संसाधन मौजूद हैं। कुलेंद्र साल 2002 में सेवानिवृत्त हुआ था जिसके बाद उसने कुछ समय तक तेजपुर विश्वविद्यालय में भी काम किया था।
इसी कड़ी में अरुणाचल प्रदेश में भी जासूसी के आरोपों को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। ईटानगर पुलिस ने शुक्रवार को दो संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। इनमें एक आरोपी की पहचान हिलाल अहमद (26) के रूप में हुई है जो जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है। दूसरा आरोपी पश्चिम चांगलांग जिले के मियाओ क्षेत्र से पकड़ा गया है। हालांकि उसकी पहचान और भूमिका को लेकर फिलहाल आधिकारिक तौर पर जानकारी साझा नहीं की गई है।
यह भी पढ़ें:हर साल औसतन दो लाख भारतीय छोड़ रहे नागरिकता, पांच साल में 9 लाख से ज्यादा ने देश छोड़ा
पुलिस के अनुसार, ईटानगर थाने को मिले खुफिया इनपुट के बाद एक विशेष टीम गठित की गई थी। स्थानीय लोगों की मदद से संदिग्धों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया है। हिलाल अहमद को पूछताछ के लिए ईटानगर लाया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हिलाल 25 नवंबर को पापुम पारे जिले से पश्चिम सियांग के आलो पहुंचा था। वह वहां पुराने बाजार में आयोजित एक व्यापार मेले में कंबल बेचने के बहाने आया था। लेकिन इसी दौरान उसके संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के संकेत मिले थे।
जांच एजेंसियों का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि हिलाल अपने सहयोगियों को सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां भेज रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके कॉन्टेक्ट, नेटवर्क और संभावित हैंडलर्स की गहराई से जांच की जा रही है।
यह भी पढ़ें:CG: सूरजपुर में मित्तल कोल्ड स्टोरेज की दीवार ढही, 3 मजदूरों की मौत, एक घायल
गौरतलब है कि इससे पहले भी बीते 22 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर से जासूसी के आरोप में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के दो अन्य आरोपी नाजिर अहमद मलिक और साबिर अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया था। खुफिया जानकारी के आधार पर नाजिर को चिंपू थाना क्षेत्र के गंगा गांव स्थित एक किराए के मकान से पकड़ा गया था। उसकी पूछताछ के बाद अबोटानी कॉलोनी से साबिर अहमद मीर को भी गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान नाजिर अहमद मलिक ने स्वीकार किया कि वह टेलीग्राम के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था और सेना तथा अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ-साथ सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा कर रहा था। उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच में Al AQSA नामक पाकिस्तानी टेलीग्राम चैनल से जुड़े डेटा और चैट बरामद हुए हैं।
यह भी पढ़ें:Messi In India: मेसी के कार्यक्रम में भारी बवाल, फैंस ने स्टेडियम में कुर्सी-बोतलें फेंकी
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि साबिर अहमद मीर न सिर्फ पाकिस्तानियों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराने में मदद कर रहा था बल्कि हथियारों की तस्करी में भी उसकी संलिप्तता पाई गई है। इन सभी मामलों में भारतीय न्याय संहिता और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं।




