दलाल स्ट्रीट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

राकेश झुनझुनवाला एक ट्रेडर होने के साथ चार्टर्ड एकाउंटेंट भी थे, हाल ही में उन्होंने आकासा एयरलाइंस लाॅन्च की थी, शेयर मार्केट के माध्यम से उन्होंने हजारों करोड़ रुपए का एम्पायर खड़ा किया

Updated: Aug 14, 2022, 04:58 AM IST

मुंबई। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह 62 साल की उम्र में निधन हो गया। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर राकेश झुनझुनवाला ने आखिरी सांसें ली।झुनझुनवाला कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे और उन्हें आखिरी बार एक सप्ताह पहले Akasa Air के लॉन्च पर देखा गया था। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'राकेश झुनझुनवाला एक अदम्य साहस वाले व्यक्ति थे, जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक। वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं। वह भारत की प्रगति के प्रति भी बहुत भावुक थे। उनका जाना दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ॐ शांति।'

झुनझुनवाला ने पिछले हफ्ते ही 'अकासा' एयरलाइन के साथ एविएशन सेक्टर में भी एंट्री ली थी। झुनझुनवाला एक समय में स्टॉक मार्केट में बियर थे।
फोर्ब्स के मुताबिक, दिग्गज निवेशक, जिसे दलाल स्ट्रीट के बिग बुल के रूप में भी जाना जाता है, की कुल संपत्ति लगभग 5.5 बिलियन डॉलर है। बताया जाता है कि उन्होंनें साल 1992 में हर्षद मेहता स्कैम का खुलासा होने पर शॉर्ट सेलिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाया था। 1990 के दशक में भारतीय स्टॉक मार्केट के वे सबसे प्रतिष्ठित कार्टेल थे। मिडास टच वाले इस निवेशक को भारत का वॉरेन बफे कहा जाता था।

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राकेश झुनझुनवाला एक ट्रेडर होने के साथ चार्टर्ड एकाउंटेंट भी थे, और देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। वे हंगामा मीडिया और एप्टेक के अध्यक्ष होने के साथ साथ वाइसरॉय होटल्स, कॉनकॉर्ड बायोटेक, प्रोवोग इंडिया और जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक भी थे। उन्होंने कॉलेज के दिनों से ही शेयर बाजार में अपना भाग्य आजमाना शुरू कर दिया था।

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से स्नातक की डिग्री लेने बाद उन्होंने दलाल स्ट्रीट में पहली बार गोता लगाने का फैसला किया। झुनझुनवाला ने 1985 में 5,000 रुपये का पूंजी में निवेश किया था, लेकिन वह पूंजी सितंबर 2018 तक बढ़कर 11 हजार 000 करोड़ रुपये हो गई थी। राकेश झुनझुनवाला अक्सर अपने पिता की कही वह बात दोहराते, कि शेयर मार्केट में निवेश करने वालों को नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। क्योंकि समाचार ही हैं, जो शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का कारण बनते हैं।