CBSE ने बदले बोर्ड परिक्षा के नियम, 75 फीसदी अटेंडेंस और इंटरनल असेसमेंट होगा अनिवार्य

CBSE ने 2026 बोर्ड परीक्षाओं के लिए नए नियम जारी किए हैं। अब छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए 75% उपस्थिति, दो साल की नियमित पढ़ाई और इंटरनल असेसमेंट पूरा करना अनिवार्य होगा। अतिरिक्त विषयों और कम्पार्टमेंट परीक्षाओं में भी सख्ती की गई है। नियम न मानने पर छात्र परीक्षा से वंचित रहेंगे।

Updated: Sep 16, 2025, 06:03 PM IST

दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2026 में 10वीं और 12वीं की परिक्षा देने वाले छात्रों के लिए नए नियम पेश किए हैं। बोर्ड द्वारा बनाए नए नियमों के मुताबिक अब हर स्टूडेंट को बोर्ड परिक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत अटेंडेंस पूरा करना ही होगा। अगर कोई स्टूडेंट ऐसा करने में असमर्थ होता है तो उसे परिक्षा देने नहीं दिया जाएगा। अटेंडेंस के अलावा बोर्ड ने इंटर्नल असेसमेंट और कंपार्टमेंट परिक्षा के नियमों में भी सख्ती दिखाई है। चलिए पॉइंट्स के जरिए आसानी से बोर्ड के इन नए नियमों को समझते हैं। 

• दो साल की पढ़ाई अनिवार्य
10वीं के छात्रों के लिए कक्षा 9 और 10 दोनों साल की पढ़ाई जरूरी होगी। इसी तरह 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए कक्षा 11 और 12 पढ़ना अनिवार्य होंगा। बिना दो साल लगातार पढ़ाई किए कोई छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगा।

यह भी पढ़ें:MP में नहीं थम रहा चूहों का आतंक, इंदौर के बाद जबलपुर के अस्पताल में 2 मरीजों को कुतरा

• 75% उपस्थिति जरूरी
अब जो छात्र ये समझ रहे कि दो साल के लिए स्कूलों में नाम लिखवा लेने से उनका काम हो जाएगा तो वे गलत समझ रहे हैं। केवल नाम लिखवा लेने से भी उन्हें परिक्षा से रोका जा सकता है। नए नियमों के तहत उन्हें परिक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% क्लास अटेंडेंस पूरी करनी होंगी। अगर उपस्थिति इससे कम रही तो उन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिलेगी।

• इंटरनल असेसमेंट जरूरी
ये बातें तो हो गई अटेंडेंस की। बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट को लेकर भी नए नियम पेश किए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हर विषय में इंटरनल असेसमेंट अब अनिवार्य कर दिया गया है। यह दो साल का प्रोसेस होगा। अगर छात्र स्कूल नहीं जाएंगे और इंटरनल असेसमेंट पूरा नहीं होगा तो उसका रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।

• अतिरिक्त विषय का विक्लप
कक्षा 10वीं में छात्र 5 मुख्य विषयों के अलावा अधिकतम 2 अतिरिक्त विषय चुन सकते हैं, जबकि 12वीं में सिर्फ 1 अतिरिक्त विषय चुनने की अनुमति होगी। वहीं, छात्रों द्वारा चुना गया विषय दो साल तक पढ़ना अनिवार्य होगा।

• बिना अनुमति वाले विषय नहीं पढ़ेंगे
अगर किसी स्कूल ने CBSE से अनुमति लिए बिना कोई विषय ऑफर किया है और उसके लिए टीचर या लैब की सुविधा नहीं है, तो छात्रों को उस विषय को चुनने की अनुमति नहीं होगी। जिसका मतलब है कि स्कूल केवल उन स्बजेक्ट्स को ऑफर कर सकते हैं जिसे पढ़ाने के लिए उनके पास शिक्षक और लैब जैसी सुविधा होगी।

• कम्पार्टमेंट और रिपीट छात्र
अगर किसी स्टूडेंट का किसी सबजेक्ट में कंपार्टमेंट या रिपीट है तो वे उस सबजेक्ट में बतौर प्राइवेट कैंडिडेट बैठ सकता है। लेकिन इन नियमों में भी बदलाव और थोड़ी सख्ती अपनाई गई है। अगर कोई स्टूडेंट उस विषय में अटेंडेंस क्राइटेरिया या इंटर्नल असेसमेंट पूरा नहीं करता है तो वे प्राइवेट कैंडिडेट के रूप में भी परिक्षा में नहीं बैठ सकता है।

सीबीएससी ने ये नियम उन छात्रों के लिए पेश किए हैं जो केवल स्कूल में नाम लिखवा लेते हैं और सिर्फ परिक्षा देने जाते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो अब से सभी छात्रों को जो साल 2026 में 10वीं या 12वीं की परिक्षा देने वाले हैं उन्हें सीबीएससी के इन नियमों का पालन करना आवश्यक होगा वरना वे परिक्षा से वंछित रह सकते हैं।