ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीछे क्यों पड़ा काला झंडा

मध्यप्रदेश के अखबारों में छपी तमाम ख़बरों का जायज़ा हम समवेत की ख़ास पेशकश समाचार सारांश में

Updated: Feb 06, 2022, 03:00 AM IST

अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया को दौरा करना पड़ा निरस्त

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीछे काला झंडा विवाद पड़ गया है। कांग्रेस ने जहां आरोप लगाया है कि काले झंडे दिखाने की घोषणा के बाद सिंधिया का तीन दिवसीय दौरा निरस्त हो गया है। कांग्रेस ने यह संकल्प भी लिया है कि कोई भी शहर में बीजेपी का बड़ा नेता आएगा तो उन को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। काला झंडा विवाद छत्तीसगढ़ भी पहुंच गया है। वहां बीजेपी नेताओं की पुलिस से अभद्रता के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसके बाद राजनीति गरमा गई है।


एमपी में सामान्य वर्ग के लिए सरकारी नौकरी नहीं

एमपी दिसंबर 2020 में 100 पदों पर भर्ती की थी तब सामान्य वर्ग के लिए 40 पद थे। इसके बाद ओबीसी को 27 फीसदी सरकार ने आरक्षण दे दिया। अब दिसंबर 2021 में पीएससी ने वन विभाग में एसीएफ, रेंजर, परियोजना क्षेत्र अधिकारी के लिए 40 पदों का विज्ञापन जारी किया तो उसमें सामान्य वर्ग के लिए एक भी सीट नहीं थी। इसमें अनुसूचित जाति के लिए 6 अनुसूचित जनजाति के लिए 7. ओबीसी के लिए 23 और ईडब्ल्यूएस के लिए चार पद आरक्षित कर दिए हैं। 


भ्रष्टाचारियों के साथ शिवराज के मंत्री 

शिवराज सिंह चौहान के मंत्री ही अपनी सरकार की किरकिरी करवा रहे हैं। अशोकनगर में सरकारी जमीन पर गेहूं की फसल बताकर 4 साल तक फर्जी तरीके से गेहूं खरीदी करने वाले सोसायटी प्रबंधक पर होने वाली एफआईआर पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव ने रुकवा दी है। जिला व भोपाल स्तर से हुई जांच में गड़बड़ी साबित होने के बाद अब मंत्री ने उसकी जांच नए सिरे से कराने के लिए पत्र भिजवा दिया। इस पत्र के बाद एफआईआर दर्ज कराने वाले इस अधिकारियों के हाथ वहीं थम गए।