केंद्र सरकार ने बदला नेहरू म्यूजियम का नाम, अब प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसायटी के नाम से जाना जाएगा

केंद्र ने म्यूजियम का नाम बदलने का ऐलान 2 माह पूर्व किया था। 15 अगस्त के दिन से यह बदलाव लागू कर दिया गया है।

Publish: Aug 16, 2023, 11:45 AM IST

Image courtesy- Theprint
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नई दिल्ली। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के नाम से मशहूर दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम केंद्र सरकार ने बदल दिया गया है। अब नेहरू मेमोरियल म्यूजियम को पीएम मेमोरियल म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। हालांकि, यह फैसला केंद्र ने इस साल जून में ही कर लिया गया था। लेकिन इस बदलाव को 15 अगस्त के दिन से लागू किया गया। अब से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा। 

प्रधानमंत्री म्यूजिएम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने ट्विटर पर इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए लिखा, "सोसायटी के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!"

नेहरू म्यूजियम का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह सिर्फ कुंठा से भरी सोच है नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे उनके कार्यकाल को दर्शाने के लिए म्यूजियम और संस्था बनाई गई थी। अब अगर उन्हें बाकी प्रधानमंत्रियों के लिए म्यूजियम बनाना था तो अलग से बनाते नेहरू के इतिहास को मिटा कर बनाने का क्या मतलब था। इसपर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि "कांग्रेस सोचती है कि केवल नेहरू जी और उनका परिवार ही मायने रखता है। लेकिन नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया। 

दरअसल, इसकी शुरुआत 2016 से हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया था। इसके बाद 16 जून को हुई नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था। जून में हुई इस विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। वे सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं।


वहीं जून में हुए नाम बदलने के फैसले के बाद से कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे दूसरों का इतिहास मिटाने चले हैं। नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता है। इसपर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि कांग्रेस एक साधारण तथ्य स्वीकार नहीं कर पा रही है कि इस देश के लिए एक वंश के अलावा दूसरे नेताओं ने भी देश की सेवा और उसका निर्माण किया है। 

बता दें यह म्यूजियम अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इसके बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उन्हें समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।