MSME की परिभाषा बदली, मिलेगा बिना गारंटी का लोन

वित्त मंत्री ने कहा कि लोन से 45 लाख इकाइयों को फायदा होगा.

Publish: May 14, 2020, 06:28 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा में बदलाव किए और साथ ही इस सेक्टर के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं.

एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदलते हुए उन्होंने कहा कि अब एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये तक की टर्नओवर वाली कंपनियों को माइक्रो एंटरप्राइज का हिस्सा माना जाएगा. वहीं 10 करोड़ रुपये के निवेश और 50 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कंपनी को लघु और 20 करोड़ रुपये निवेश एवं 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनी को मध्यम एंटरप्राइज का हिस्सा माना जाएगा. इस तरह एमएसएमई सेक्टर का दायरा बढ़ा दिया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि यह परिवर्तन एमएसएमई सेक्टर की भलाई के ही लिया किया गया है. उन्होंने कहा कि यह डर था कि यदि उनकी परिभाषा नहीं बदली गई तो उन्हें राहत का फायदा नहीं मिलेगा. अव वे बिना किसी डर के वृद्धि कर सकते हैं. मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस आधारित एमएसएमई सेक्टर में जो अंतर था, उसे भी खत्म कर दिया गया है.

एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदलने के साथ ही वित्त मंत्री ने इस सेक्टर के लिए कुछ एलान भी किए. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर के लिए छह कदम उठाए गए हैं. पहले कदम के तहत इस सेक्टर के तहत आने वाले सभी एंटरप्राइजेज को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा. इस लोन की समयसीमा चाल साल होगी और इससे 45 लाख इकाइयों को लाभ मिलेगा. एक साल तक इसका मूलधन नहीं चुकाना होगा. दूसरे कदम के तहत तनावग्रस्त एंटरप्राइजेज के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन कर रहे एंटरप्राइजेज के लिए विशेष फंड का प्रावधान किया गया है. इसे फंड ऑफ फंड्स के नाम से जाना जाएगा और इसमें एंटरप्राइजेज को वृद्धि करने के लिए 50 हजार रुपये की मदद की जाएगी.