देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से तबाही, टपकेश्वर मंदिर डूबा, कई दुकानें बही
तमसा नदी स्थित बने टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी जलभराव हो गया। यहां कई दुकानें बह गई। 2 लोग लापता भी हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं।

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से तबाही का मंजर देखने को मिला है। बादल फटने से तमसा नदी, कारलीगाड़ नदी, सहस्त्रधारा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। सहस्त्रधारा के साथ नजदीकी इलाकों जिनमें तपोवन, आईटी पार्क, घंगौरा, घड़ीकैंट में पानी भर गया है। इससे कई सड़कें बह गई है।
तमसा नदी के किनारे बने टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी जलभराव हो गया। यहां कई दुकानें बह गई। 2 लोग लापता भी हैं। वहीं सहस्त्रधारा में 5 लोगों को बचाया गया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हादसे को लेकर टपकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह 5 बजे नदी में बाढ़ आई, पूरा मंदिर डूब गया, कई मूर्तियां बह गईं। हालांकि, गर्भगृह सुरक्षित है। पानी उतरने पर मंदिर में 2 फीट तक मलबा दिखा।
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सहस्त्रधारा में भारी बारिश और बाढ़ से हुई तबाही के बाद आम लोग पलायन कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'जब यह घटना हुई तब मैं रात की ड्यूटी पर था। उसके बाद बच्चों ने रात मंदिर में गुजारी। फिलहाल मैं अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा हूं। यहां सड़कों को बहुत नुकसान हुआ है।' एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया कि अचानक बादल फटने से स्थिति बहुत खराब है। घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। तीन लोग मलबे में फंसे हुए हैं। फिलहाल सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा है क्योंकि मलबा और पानी पहाड़ियों से लगातार नीचे आ रहा है।