इंदौर: पतंग के मांझे से गला कटकर युवक की मौत, परिजनों ने थाने के बाहर किया प्रदर्शन

इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र में मकर संक्रांति पर एक दर्दनाक हादसा हुआ। रास्ते में एक पतंग के मांझे ने 22 वर्षीय हिमांशु सोलंकी के गले को बुरी तरह काट दिया जिससे हिमांशु की जान चली गई।

Updated: Jan 15, 2025, 04:29 PM IST

Photo courtesy: iStock
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इंदौर| शहर के चंदन नगर क्षेत्र में मकर संक्रांति पर एक दर्दनाक हादसे में 22 वर्षीय हिमांशु सोलंकी की जान चली गई। मंगलवार शाम करीब 5 बजे फूटी कोठी ब्रिज पर हिमांशु और उसके रिश्तेदार विनोद सिलेंडर लेने जा रहे थे। रास्ते में एक पतंग के मांझे ने हिमांशु के गले को बुरी तरह काट दिया, जिससे गंभीर चोट आई। विनोद को भी आंख के पास चोट लगी। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हिमांशु ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

हिमांशु महू स्थित भेरूलाल पाटीदार कॉलेज में फर्स्ट ईयर का छात्र था और पिछले एक साल से सुदामा नगर के अन्नपूर्णा क्षेत्र में किराए पर रह रहा था। उसके पिता संजय एक बैंककर्मी हैं, जबकि मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं। हिमांशु का छोटा भाई मनावर में 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है।

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हादसे के बाद हिमांशु के परिजन बेहद गुस्से में थे। उन्होंने द्वारिकापुरी थाने के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया और पुलिस पर आरोप लगाया कि यह हादसा प्रतिबंधित चायनीज मांझे की वजह से हुआ है। परिजनों का कहना था कि जब तक पुलिस रिपोर्ट में चायनीज मांझे का उल्लेख नहीं करेगी, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस दौरान 'जय भीम' और 'पुलिस-प्रशासन होश में आओ' जैसे नारे लगाए गए।

हिमांशु के चाचा सचिन कोचले ने बताया कि जिस मांझे ने हिमांशु का गला काटा, वह चायनीज मांझा था और उसकी लंबाई 500 मीटर थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके द्वारा बनाए गए फोटो और वीडियो डिलीट करवा दिए। पहले पुलिस ने चायनीज मांझे का जिक्र करने का भरोसा दिया था, लेकिन बाद में इसे सामान्य मांझा बताया गया।

पुलिस का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। एसीपी शिवेंदु दुबे ने बताया कि हिमांशु की मौत मांझा गले में फंसने से हुई है और गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, चायनीज मांझा भारत में प्रतिबंधित है। इसका इस्तेमाल करने से किसी की मौत होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 125(A) (B) के तहत गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले अपराधों के चलते कार्रवाई की जा सकती है।