वक़्फ़ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीन बदलावों पर लगाई रोक

वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्‍फ की कुछ धाराओं पर आंशिक रोक लगाई है।

Updated: Sep 15, 2025, 01:17 PM IST

नई दिल्ली। वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की कुछ दलीलें तो मान ली है, लेकिन पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने वक्‍फ की कुछ धाराओं पर आंशिक रोक लगाई है। न्यायालय ने वक्फ कानून में किए गए 3 बड़े बदलावों पर अंतिम फैसला आने तक स्टे लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट का पहला बड़ा आदेश यह है कि अब जिला कलेक्टर यह फैसला नहीं ले पाएगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं। कोर्ट ने माना कि कलेक्टर को यह अधिकार देने से मनमानी और विवाद बढ़ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर भी रोक लगाई है, जिसमें कहा गया था कि केवल वही व्यक्ति वक्फ कर सकता है, जो कम से कम पांच साल से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा हो। कोर्ट ने इसे भेदभावपूर्ण और मनमाना मानते हुए लागू करने से इनकार किया।

न्यायालय ने वक्फ निकायों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी विचार किया। पीठ ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्यों में से 4 से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, और राज्य वक्फ बोर्डों में 3 से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते हैं।

कोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है।कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, 'यह वाकई एक अच्छा फ़ैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की साज़िश और इरादों पर लगाम लगा दी है। ज़मीन दान करने वाले लोग इस बात से डरे हुए थे कि सरकार उनकी ज़मीन हड़पने की कोशिश करेगी। यह उनके लिए राहत की बात है। सरकार कैसे तय करेगी कि कौन 5 साल से धर्म का पालन कर रहा है? यह आस्था का मामला है। कोर्ट ने इन सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है। हम लड़ाई जारी रखेंगे।'

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी समर्थन किया है। मौलाना ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के फैसले की उम्मीद थी। अब वक्फ की जमीनों पर भू माफिया के कब्जे हटेंगे, उससे होने वाली आमदनी गरीब व कमजोर मुसलमानों के उत्थान के लिए खर्च की जाएगी।