पाकिस्तान-सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौता, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी ये प्रतिक्रिया

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक ऐसा सैन्य समझौता किया है जो नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देता है। इस समझौते के अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा।

Updated: Sep 18, 2025, 02:30 PM IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक ऐसा सैन्य समझौता किया है जो नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देता है। इस समझौते के अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा। दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह समझौता उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और विश्व शांति कायम रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दोनों देशों के बीच इस समझौते को लेकर भारत सरकार की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार को इस समझौते की जानकारी पहले से थी। उन्होंने कहा कि अब भारत इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर संभावित प्रभावों का विश्लेषण करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के प्रति पूरी तरह सजग है। इस समझौते पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रियाद में हस्ताक्षर किए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौता दोनों देशों के सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते के अनुसार, अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और वे संयुक्त रूप से प्रतिक्रिया देंगे। इसका उद्देश्य केवल उनकी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता बनाए रखना भी है।

समझौते में रक्षा सहयोग को उन्नत करने पर जोर दिया गया है, जिसमें आधुनिक हथियारों, नई तकनीकों और सुरक्षा रणनीतियों पर साझा प्रयास शामिल हैं। इससे पाकिस्तान और सऊदी अरब की सामरिक ताकत और सुरक्षा ढांचा और अधिक मज़बूत होगा। इस समझौते के बाद यदि भारत अब पाकिस्तान पर कोई स्ट्राइक करता है तो पाकिस्तान के साथ ही सऊदी अरब भी भारत पर जवाबी हमला करेगा।