20 लोगों के लिए एक शौचालय, कोरोना पॉजिटिव कॉन्सटेबल का दर्द

कैसी व्‍यवस्‍था जहां अगर कोई गले में खराश या बुखार की शिकायत करता है तो उसे दवा नहीं दी जा रही है।

Publish: Apr 23, 2020, 09:14 AM IST

Delhi Policemen Sanitizing Themselves (Photo: PTI)
Delhi Policemen Sanitizing Themselves (Photo: PTI)

दिल्ली में नजफगढ़ के एक अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहे दिल्ली पुलिस के एक कॉन्सटेबल ने अस्पताल में ‘साफ-सफाई और दूसरी मूलभूत सुविधाओं की कमी’की शिकायत की है. अस्पताल का नाम चौधरी ब्रह्म प्रसाद चरक संस्थान है. 

तिलक विहार पुलिस थाने से जुड़े एक कॉन्सटेबल ने 21 अप्रैल को एक वीडियो साझा किया और उसमें आरोप लगाया कि एक मंजिल पर 20 मरीजों का इलाज चल रहा है और सभी के लिए केवल एक शौचालय है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि अगर कोई गले में खराश या बुखार की शिकायत करता है तो उसे दवा नहीं दी जा रही है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें से किसी को भी गर्म पानी नहीं दिया गया है. उनकी चादर भी  नहीं बदली गई है और उन्हें तकिया भी गंदा दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें सैनिटाइजर भी नहीं मिला है. कॉन्सटेबल ने कहा कि चार दिन पहले ही उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है लेकिन घर में रह रहे उनके बच्चों की जांच अब तक नहीं हुई है.

हालांकि, पुलिस का कहना है कि वह जांच के संबंध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देश का पालन कर रही है, क्योंकि कुछ मामलों में लक्षण दिखने में चार-पांच दिन लगता है.

इस वीडियो के जरिए कॉन्सटेबल ने अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है और आग्रह किया है कि उन्हें किसी निजी अस्पताल में भर्ती किया जाए क्योंकि वह केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के लाभार्थी हैं.

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दीपक पुरोहित ने आश्वासन दिया है कि वे अपने कर्मचारियों और उनके परिवार का खयाल रखेंगे और वे आईसीएमआर के दिशानिर्देश और प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कॉन्सटेबल के अस्पताल में भर्ती होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें सैनिटाइजर और गर्म पानी रखने का एक बर्तन पुलिस स्टेशन से दिया गया था.

उन्होंने बताया कि द्वारका के पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने भी अस्पताल का निरीक्षण किया और प्रशासन से शौचालय और तकिए की साफ-सफाई सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की.

यह अस्पताल अल्फोंस के क्षेत्र में पड़ता है। कांस्टेबल के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि 18 अप्रैल को हुई थी।