आईफोन यूजर से ज्यादा किराया वसूलने का आरोप, संसद में उठा ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग में भेदभाव का मामला

एंड्रॉयड यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूलने के आरोपों को लेकर सरकार ने बुधवार को संसद में जवाब दिया। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

Updated: Mar 13, 2025, 10:30 AM IST

नई दिल्ली। ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों पर आईफोन और एंड्रॉयड यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूलने का आरोप है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में जवाब भी दिया। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

दरअसल आरोप है कि ओला और उबर जैसी कंपनियां आईफोन यूजर्स से ज्यादा किराया वसूल रही हैं, जबकि एंड्रॉयड यूजर्स को वही राइड सस्ती मिलती है। जनवरी में एक सर्वे में यह खुलासा भी हुआ कि एक ही राइड के लिए दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम पर अलग-अलग कीमतें देखी गईं। 

एक्स्पर्ट्स इसे ‘डार्क पैटर्न’ का मामला बता रहे हैं। इसमें कीमतों में गैर-वाजिब बदलाव, जबरन वसूली और छिपे हुए शुल्क शामिल हो सकते हैं। यह करना कंज्यूमर कानून के तहत गैर-कानूनी है। आईफोन यूजर की शिकायत पर उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 10 फरवरी को पत्र जारी कर कंपनियों से जवाब मांगा था। 

इन आरोपों को ओला और उबर ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद सरकार ने मामले को डीजी (जांच) के पास विस्तृत जांच के लिए भेज दिया है। उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के तहत प्लेटफॉर्म कंपनियों को अनुचित मूल्य निर्धारण और उपभोक्ताओं से गलत तरीके से पैसा वसूलने से रोका जाता है। अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो इन कंपनियों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।