Delhi Roads: सफर में छूट के बाद कैसा रहा दिन

Lockdown 4.0 डर और असमंजस के बीच सुस्त रही दिल्ली की रफ्तार

Publish: May 20, 2020, 01:24 AM IST

आईटीओ में हेराल्ड हाउस के बाहर अपनी ऑटो में बैठे ज्ञान सिंह सुस्ता रहे हैं. वे पिछले 23 सालों से दिल्ली में हैं और फिलहाल ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उन्हें आज कई दिनों के बाद संत नगर से कश्मीरी गेट के लिए एक सवारी मिली. ज्ञान सिंह कहते हैं कि कोरोना बीमारी लोगों के संपर्क में आने से फैलती है, इसलिए वह सरकार के फैसले को समझते हैं. लेकिन ज्ञान सिंह को पिछले 50 दिनों में करीब 20 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। और मुश्किल ये है कि आज भी उन्हें सिर्फ एक सवारी के साथ ऑटो चलाने की अनुमति मिली है। पहले के मुकाबले तो ठीक तो है लेकिन कमाई कम होने से ज्ञान सिंह परेशान हैं।

हालांकि, ज्ञान सिंह का कहना है कि ज्यादातर सवारियां दो या तीन की संख्या में ही आ रही हैं, नियमों के मुताबिक वह एक साथ तीन सवारी बिठा नहीं पा रहे हैं। लोग नुकसान तो हो रहा है। ज्ञान सिंह के अलावा दूसरे ऑटो वालों की भी यही शिकायत है. इस वजह से कई ऑटो वाले मीटर से चलने के लिए तैयार नहीं हैं. वो ेक सवारी से ही अपनी कमाई की भरपाी चाहते हैं। और समस्या किराया चुकानेवाले की भी है।

दरअसल, लॉकडाउन के चौथे चरण में ( lockdown 4.0 ) दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के साथ-साथ यातायात के दूसरे साधनों को कुछ शर्तों के साथ चलने की छूट मिली है. जहां डीटीसी की बसों में केवल 20 सवारियां ही सफर कर पाएंगी, वहीं ऑटो और ई-रिक्शा में केवल एक सवारी को ले जाने की ही अनुमति मिली है. कैब और टैक्सी में दो सवारियों के बैठने की इजाजत है. लेकिन दिल्ली की सड़कों पर असमंजस का आलम है। लोग डीटीसी बसों का प्रयोग ऑफिस जाने के लिए कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली के कई बाहरी इलाकों में समय पर बसें नहीं आ रही हैं. वहीं पालम, उत्तम नगर और द्वारका में बस सेवाएं शुरू ही नहीं हुई हैं. डिपो वालों का कहना है कि उन्हें कोई लिखित आदेश नहीं मिला है.

बहरहाल, पिछले दिनों के मुकाबले दिल्ली की सड़कों पर काफी भीड़ देखने को मिली. मूलचंद फ्लाईओवर से लेकर प्रगति मैदान स्काईवॉक तक वाहनों का जमावड़ा रहा। सीमित सवारियों के साथ कई डीटीसी बसें भी सड़कों पर दौड़ती दिखीं. दिल्ली सरकार का आदेश है कि डीटीसी बसों में बैठने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जानी है, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. हालांकि, बसों की सीटों पर ‘यहां ना बैठें’ के स्टिकर जरूर चिपकाए गए हैं.

दूसरी तरफ ई-रिक्शा वाले वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं ताकि वे एक से ज्यादा सवारियां बिठा पाएं. वहीं अचानक से सड़कों पर वाहनों के आ जाने और जगह-जगह पुलिस चेकपोस्ट लगे होने से शहर के इलाकों में जाम भी लगा रहा