हरिद्वार हेट सपीच का वीडियो वायरल होने के बाद जागी पुलिस, वसीम रिजवी के खिलाफ FIR दर्ज
भड़काऊ बयानबाजी में माहिर यति नरसिंहानंद ने हरिद्वार में बुलाया था धर्म संसद, धर्म के नाम पर नरसंहार और कत्लेआम की हुई बातें, वीडियो सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर 'हेट कॉन्क्लेव' आयोजित करने वालों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश देखते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस प्राथमिकी में पुलिस ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को आरोपी बनाया है।
दरअसल, विवादित धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद 17 से 20 दिसंबर के बीच हरिद्वार में धर्म संसद बुलाया था। इस कार्यक्रम में धर्म के नाम पर इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया गया। यहां तीन दिनों तक नफरत भरी बातें चलती रहीं, मुस्लिमों के कत्लेआम के लिए लोगों को भड़काया गया, भाषणों में जहर उगले गए, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने शुरू में बताया की कोई शिकायत नहीं है इसलिए एफआईआर नहीं हुई।
बाद में जब सोशल एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने आवेदन दिया तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दरजल की। दिलचस्प बात ये है कि मामले में नामजद अभियुक्त सिर्फ वसीम रिजवी को बनाया गया है। वसीम रिजवी वही शख्स है जिसने हाल ही में नाटकीय तरीके से इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है। हिंदू धर्म में रिजवी का नामकरण जितेंद्र त्यागी के रूप में हुआ है। मामले पर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, 'इस तरह के भड़काऊ बयान ग़लत हैं, इसलिए हमने इन वीडियोज को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने को भी कहा है।'
सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्यवाही प्रचलित है। @ANI pic.twitter.com/0NLBwPqQhV
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) December 23, 2021
हैरानी की बात ये है कि वक्ताओं को ऐसे भाषणों को लेकर पछतावा भी नहीं है। चूंकि इनमें से कईयों का संबंध सत्ताधारी बीजेपी से है। कार्यक्रम के 4 दिन हो गए लेकिन अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले पर पूजा शकुन कहती हैं कि, 'देश का संविधान गलत है। भारतीयों को नाथूराम गोडसे की प्रार्थना करती चाहिए। मैं पुलिस से नहीं डरती।' पूजा शकुन साल 2019 में उस समय चर्चा में आई थीं जब उन्होंने महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाई थी।
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बताया जा रहा है कि इस हेट कॉन्क्लेव में न केवल मुस्लिमों के कत्लेआम की बातें हुईं बल्कि एक में वक्ता स्वामी धरम दास ने नाथूराम गोडसे बनने और संसद में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गोली मारने के बारे में बातें की है। कार्यक्रम से जुड़े अन्य लोगों में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा बीजेपी महिला विंग की लीडर उदिता त्यागी और बीजेपी लीडर अश्विनी उपाध्याय हैं, जो हेट स्पीच केस में बेल पर हैं। कार्यक्रम में हज़ार से अधिक महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत भी शामिल हुए थे।
कार्यक्रम का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश है और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। सेना के पूर्व प्रमुखों तक ने इसकी निंदा की है। नौसेना के पूर्व प्रमुख ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, 'इसे रोका क्यों नहीं जा रहा। हमारे जवान दो मोर्चो पर दुश्मन का सामना करना पड़ रहा। क्या हम सांप्रदायिक रक्तपाल, घरेलू उथलपुथल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी चाहते हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीवी मलिक ने इसजर जवाब दिया की, 'सहमत हूं। ऐसे भाषण सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। कार्रवाई की जरूरत है।'