78 साल के पति की फिक्र में किसान आंदोलन पहुंची बुजुर्ग पत्नी, पति से मिलकर आंखें हुई नम

दिल्ली बार्डर पर हरियाणा के बरोदा गांव से पति का हाल जानने एक बुजुर्ग महिला पहुंची, पति से पूछा कब लौटोगे, पति ने हरियाणवी में कहा ‘चिंता फिक्र ना कर, लड़ाई जीत के ही लौटूंगा’

Updated: Jan 20, 2021, 11:53 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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पूस की हाड़तोड़ सर्दी में 55 दिन से लाखों किसान दिल्ली बार्डर पर डटे हैं। किसान आंदोलन में शामिल लोगों के साथ ही साथ उनके परिवार के बाकी सदस्य भी इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। एक इंसान के पीछे पूरा परिवार हक की इस लड़ाई में साथ खड़ा है। ना जाने कितने लोग और उनकी भावनाएं इनसे जुड़ी हैं। उम्र कोई भी हो परिजन एक दूसरे की फिक्र करते हैं। बावजूद इसके किसान आंदोलन में डटे रहने के लिए हौसला बढ़ाते हैं।

हाल ही में किसान आंदोलन स्थल से एक इमोशनल कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। हरियाणा के बरोदा से एक बुजर्ग महिला किसान आंदोलन में शामिल अपने पति से मिलने पहुंची। करीब दो महीने बाद एक दूसरे को देखकर दोनों भावुक हो गए। भावनाएं आंखों को नम कर गईं, किसी ने देखा तो कोई देख नहीं पाया, आंखों से निकले उन मोतियों को, जिनमें थोड़ी फिक्र, थोड़ा प्यार और ढेर सारा संबल था कि आप किसानों के हक की लड़ाई लड़ते रहो, हम आपके साथ हैं।

हरियाणा के बरोदा गांव के किसान चतर सिंह किसान आंदोलन में शामिल हैं, वे भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसान आंदोलन में शामिल हुए हैं। चतर सिंह 27 नवंबर से कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच वे एक बार भी घर नहीं गए है। घर वालों को फिक्र हुई तो मंगलवार को उनकी पत्नी रामरति देवी अपने पति से मिलने आई। आंदोलन स्थल पर पति को देखकर रामरति की आंखें छलक उठीं, इतने दिनों बाद पति का चेहरा देखकर वे भावुक हो गईं।

रामरति ने नम आंखो और रुंधे हुए गले से पति से हरियाणवी में बात की। उनका प्यारभरा संवाद सुन वहां मौजूद लोग भी इमोशनल हो गए। रामरति ने पति से कहा कि ‘बालकां के बाबू तू ठीक सै। देख यहां दाढ़ी कितनी बढ़ा ली। इसने तो कटवा लेता।’ सकुचाते हुए 78 वर्षीय चतर सिंह ने पत्नी के आंसू पोंछते हुए कहा कि ‘बालकां की मां, तू चिंता मत करै। याड़े मैं ठीक सूं।’ जब रामरति ने पति से पूछा कि आप घर कब लौटेंगे इस पर चतर सिंह बोले मेरी चिंता मत करो मैं यह लड़ाई जीत कर ही घर लौटूंगा।

गौरतलब है कि किसान तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर निकालने की योजना है। इस ट्रैक्टर परेड में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होने वाली हैं। गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाएंगे और सरकार से अपनी मांगें पूरी करने को कहेंगे।