उज्जैन में महाकाल मंदिर प्रशासन के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, जबरन गर्भगृह में घुसने वाले BJP MLA पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस की मांग है कि विधायक गोलू शुक्ला और उसके बेटे रुद्राक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही महाकाल प्रशासक अपना इस्तीफा दें।

Updated: Jul 23, 2025, 05:39 PM IST

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग है कि विधायक गोलू शुक्ला और उसके बेटे रुद्राक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही महाकाल प्रशासक अपना इस्तीफा दें। दरअसल, श्रावण माह के दूसरे सोमवार पर भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में इंदौर-3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला और उसके बेटे रुद्राक्ष जबरन घुस गए थे।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसकर कुकर्म किया गया है। हमारी एक ही मांग है कि महाकाल प्रशासक इस्तीफा दे और विधायक के बेटे को गिरफ्तार कर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही, हमें यह जानकारी भी चाहिए कि विधायक को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति किसने दी।

प्रदर्शन के बीच कांग्रेस की एक कार्यकर्ता ने कहा कि महाकाल मंदिर बीजेपी के बाप का हो गया है। यहां मंत्री, विधायक और उनके पुत्र गर्भगृह में जा सकते हैं लेकिन आम आदमी का प्रवेश पूरी तरह बंद है। मंदिर की देहरी तक पहुंचने के मामले में 2 साल पहले कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी के खिलाफ महाकाल समिति ने एफआईआर दर्ज की थी। 

उन्होंने कहा कि एक बार तो मुझे देहली तक भी नहीं जाने दिया गया था। मुझे धरना देना पड़ा, तब जाकर मुझे जल चढ़ाने की अनुमति दी गई। इतनी हठधर्मिता थी और जब पता चला कि मैं कांग्रेस से हूं, मुझे रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मानो महाकाल मंदिर अब बीजेपी के बाप का हो गया है। यहां सिर्फ भाजपा के मंत्री, विधायक और उनके पुत्र ही गर्भगृह में जा सकते हैं, लेकिन आम आदमी का प्रवेश पूरी तरह रोक दिया गया है।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। यहां केवल पुजारी ही जा सकते हैं। वीआईपी भी नंदी के नजदीक से ही दर्शन कर सकते हैं। प्रतिबंध भगवान महाकाल की प्रतिमा की सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया था। इसके बावजूद बीते दिनों गोलू शुक्ला अपने बेटे रुद्राक्ष के साथ गर्भगृह में घुस गए। यह पहला मौका नहीं है, जब रुद्राक्ष शुक्ला पर ऐसे आरोप लगे हैं। अप्रैल 2025 में उन्होंने देवास की माता टेकरी पर रात के समय जबरन मंदिर खुलवाने की कोशिश की थी। वहां पुजारी से विवाद और मारपीट भी की थी। बाद में बीजेपी संगठन के हस्तक्षेप के बाद रुद्राक्ष ने माफी मांगी और थाने में सरेंडर किया था।