ग्वालियर: कूलर की हवा से कमरे में फैली जहरीली गैस, दो मासूमों की हुई मौत

ग्वालियर के प्रीतम विहार कॉलोनी में जहरीली गैस से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि माता-पिता की हालत गंभीर है। मकान मालिक ने गेहूं में घुन से बचाने के लिए सल्फास गोलियां रखीं, जिससे जहरीली गैस कमरे में भर गई।

Updated: Nov 05, 2025, 05:39 PM IST

Photo Courtesy: Lallantop
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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के प्रीतम विहार कॉलोनी में गेहूं को घुन से बचाने की कोशिश एक परिवार के लिए त्रासदी बन गई। मकान मालिक द्वारा रखी गई सल्फास की गोलियों से निकली जहरीली गैस ने किराएदार परिवार की ज़िंदगी उजाड़ दी। इस जहरीली गैस की वजह से चार वर्षीय वैभव और 13 वर्षीय क्षमा की मौत हो गई। जबकि, उनके माता-पिता गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

घटना सोमवार रात की है जब मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव ने अपने घर के पोर्च में रखे करीब 250 क्विंटल गेहूं में घुन रोकने के लिए 50 सल्फास की गोलियां रखीं थी। उसी मकान के ग्राउंड फ्लोर पर सत्येंद्र शर्मा अपनी पत्नी रजनी और बच्चों के साथ किराए से रहते थे। परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि गेहूं में जहरीली गोलियां रखी गई हैं।

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रात को जब परिवार घर लौटा और सोने से पहले गर्मी के कारण कूलर चालू किया तो कूलर का एग्जॉस्ट फैन पोर्च में बनी जहरीली गैस को खींचकर कमरे में भर लाया। कुछ ही देर में परिवार के सभी सदस्य बेहोश होने लगे। सबसे पहले चार वर्षीय वैभव की मौत हो गई फिर मंगलवार सुबह उसकी बहन क्षमा ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया।

रात भर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही 13 वर्षीय क्षमा को यह पता तक नहीं था कि उसका छोटा भाई वैभव अब इस दुनिया में नहीं है। रिश्तेदारों ने उसे सच बताने की हिम्मत नहीं की। वह लगातार भाई का हाल पूछती रही। रात एक बजे के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और सुबह चार बजे उसने भी दम तोड़ दिया। बच्चों के मामा रामू शर्मा ने बताया कि बहन रजनी की हालत बेहद नाजुक है, जबकि पिता सत्येंद्र भी गंभीर हैं। दोनों का इलाज ग्वालियर के न्यू जेएएच अस्पताल में चल रहा है।

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घटना के बाद मंगलवार देर रात करीब दो बजे पुलिस ने मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। फिलहाल वह पुलिस की हिरासत में है। घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। परिजनों और स्थानीय लोगों ने क्षमा के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। उन्होंने मांग की है कि श्रीकृष्ण यादव और उसके बेटे शिवकुमार पर केस दर्ज कर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। सीएसपी रॉबिन जैन ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सत्येंद्र शर्मा मूल रूप से भिंड जिले के मालनपुर टूडीला गांव के रहने वाले हैं और ग्वालियर के महाराजपुरा इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। वे अपने परिवार के साथ श्रीकृष्ण यादव के तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर किराए से रहते थे। जबकि, मकान मालिक का परिवार तीसरी मंजिल पर रहता है।

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पांच बेटियों के बाद सत्येंद्र और रजनी को 46 साल की उम्र में बेटा वैभव हुआ था। परिवार ने उसे मन्नत का बच्चा माना था। दो बेटियों की बचपन में ही मौत हो चुकी थी जबकि दो बड़ी बेटियों भारती और दीपा की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी क्षमा थी जो अब भाई के साथ दुनिया छोड़ गई।

जानकारी के अनुसार, सल्फास गोलियों से निकलने वाली फॉस्फीन गैस बेहद जहरीली होती है। यह बंद जगह में फैलने पर कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकती है। श्रीकृष्ण यादव ने जब गेहूं में गोलियां रखीं तब किराएदार परिवार मौजूद नहीं था। उनकी वापसी के बाद गैस कमरे में घुल गई और कूलर चलाने से स्थिति और गंभीर हो गई। सत्येंद्र शर्मा ने कहा कि अगर उस रात कूलर न चलाया होता तो शायद उनका परिवार आज सुरक्षित होता।