महिला आरक्षण बिल को टाल रही है मोदी सरकार, राज्यसभा में केंद्र सरकार पर बरसे कांग्रेस अध्यक्ष
महिला आरक्षण संवैधानिक अधिकार है, यह कोई दैविक वर्दान नहीं है। यह कोई प्रधानमंत्री का या आपका दिया हुआ दया का पात्र नहीं है। यह हमारा एक संवैधानिक अधिकार है: रंजीत रंजन
नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में जोरदार बहस देखने को मिली। विपक्ष ने महिला आरक्षण बिल तुरंत लागू करने की मांग की। जवाब में भाजपा की ओर कहा गया इसे लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन कराना जरूरी है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में महिला आरक्षण तुरंत लागू करने की मांग उठाते हुए कबीर का दोहा सुनाया, "काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब।" खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल को टाल रही है। उन्होंने कहा कि जब पंचायत और जिला पंचायत में महिलाओं के लिए आरक्षण होता है, तो संसद और विधानसभा में महिला आरक्षण क्यों नहीं हो रहा? महिला आरक्षण बिल को आज लागू कीजिए।
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि महिलाओं की भागिदारी हर जगह बढ़े। मैं एक आपत्ति दर्ज कराना चाहती हूं। महिला आरक्षण का आपने नाम दिया है, नारी शक्ति वंदन विधेयक, लेकिन इसका नाम महिला शक्ति विधेयक होना चहिए। मुझे लगता है कि यह संवैधानिक अधिकार है, यह कोई दैविक वर्दान नहीं है। यह कोई प्रधानमंत्री का या आपका दिया हुआ दया का पात्र नहीं है। यह हमारा एक संवैधानिक अधिकार है। आपने इसका नाम दैविक, दया और पूजा से जोड़कर मुझे लगता है, जो आंदोलन का इतिहास था, उसे भी खत्म करने की कोशिश की है। यह मैं महिला होने के नाते बोल रही हूं।'
मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल को टाल रही है।
— Congress (@INCIndia) September 21, 2023
जब पंचायत और जिला पंचायत में महिलाओं के लिए आरक्षण होता है, तो संसद और विधानसभा में महिला आरक्षण क्यों नहीं हो रहा?
महिला आरक्षण बिल को आज लागू कीजिए।
: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/uSJsA0AkCz
रंजीत रंजन ने आगे कहा, 'वंदना आपके सरकार में महिलाओं की कितनी होती है। यह हम सबको मालूम है। इतिहास गवाह है, जब-जब आपको शक्ति की जरूरत होती है। जब-जब आपको सत्ता पाने की जरूरत होती है। जब-जब आप विजय की आशा रखते हैं, तब आप एक महिला को देवी बनाकर पूजा करने लगते हैं। लेकिन अंदर में एक पुरुष की जीत और वंदना होती है। आपकी वंदना हमने जंतर-मंतर पर बैठी उन महिलाओं के रूप में देखी, आपका महिलाओं के प्रति सम्मान जब मणिपुर में हमारी महिलाएं निर्वस्त्र हो रहीं थी तब हमने देखी। आपकी वंदना, पूजा और सम्मान जब एक रेपिस्ट को बचाने के लिए हमने देखी।'
महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आप (बीजेपी) तो 2014 में सत्ता में आए। आपने वादा किया था कि महिलाओं को उनका हक देंगे। 2014 से 2023 हो गया, आपको यह बिल लाने से किसने रोका था? क्या पिछली इमारत में वास्तु की कोई समस्या थी? क्या इस इमारत में बढ़िया मुहूर्त है? अब आप बोल रहे हैं कि 2029 तक लागू नहीं कर पाएंगे।
वेणुगोपाल ने आगे कहा कि 1989 में क्या हुआ जब राजीव गांधी ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक पेश किया? पूरे बीजेपी गिरोह ने इसका विरोध किया, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई, राम जेठमलानी। राज्यसभा का रिकॉर्ड देख लीजिए। वेणुगोपाल ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाया। यह हम राज्यसभा सदस्यों का अपमान है कि वहां पर राष्ट्रपति नहीं थीं।