भारत में 30 लाख से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा, बीजेपी सांसद बोले- आतंक का माहौल है
संसद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि 2023 में कुत्ते के काटने के 30 लाख 43 हजार 339 मामले सामने आए, वहीं 286 लोगों की मौत हुई।
नई दिल्ली। देशभर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। पिछले दिनों दिल्ली-नोएडा की सोसायटी में भी इस तरह के मामले खूब सामने आए थे। गाजियाबाद से BJP के लोकसभा सांसद अतुल गर्ग ने मंगलवार को कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों का मुद्दा संसद में उठाया और संवेदनशीलता से निपटने के लिए एक समिति गठित करने की मांग की।
सांसद गर्ग ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि भारत में 30 लाख से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है और 286 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अकेले गाजियाबाद में एक साल में 35,000 लोगों को कुत्तों ने काटा है। छोटे बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं। परसों अखबार में फोटो और खबर छपी कि एक कुत्ते ने एक बच्चे का कान काट लिया। चार दिन पहले एक मजदूर के छोटे बच्चे की रेबीज के कारण दर्दनाक मौत हो गई।
गाजियाबाद के सांसद ने इस मामले में एक समिति गठित करने का अनुरोध किया क्योंकि पहले भी कानून बनाए गए हैं और उन पर पुनर्विचार किया गया है। उन्होंने कहा, 'बच्चे खेल नहीं सकते, शहर में आतंक का माहौल बना हुआ है। इसलिए मेरा अनुरोध है कि एक समिति बनाई जाए और मामले को उठाया जाए। गर्ग ने कहा कि जानवरों के प्रति प्रेम और मानवीय स्वतंत्रता के बीच कानूनों में असंतुलन है।
दरअसल, ये आंकड़ा सरकार ने मंगलवार को संसद में सामने रखा। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब के लिखित जवाब में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा कि आइडीएसपी में मिले आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में कुत्ते के काटने के 30,43,339 मामले सामने आए हैं।
साल 2023 में कुत्तों के काटने की वजह से 46,54,398 रेबीज के टीके लगाए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज से बचाव और नियंत्रण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम क्रियान्वित कर रहा है। सिर्फ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में यह योजना लागू नहीं है।